लखनऊ/गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पर जानकारी मिलने के बाद गोरखपुर की बीएड की छात्रा के इलाज के लिए 9.90 लाख रुपये की सहायता दी ।
राज्य के सूचना निदेशक शिशिर ने ‘भाषा’ को बताया कि गोरखपुर के मछली गांव कैंपियरगंज के रहने वाले राकेश चंद्र मिश्रा की पुत्री मधुलिका मिश्रा के हृदय के दोनों वाल्व खराब हो गए हैं, इसका आपरेशन होना है, लेकिन पैसे की कमी के चलते यह संभव नहीं हो पा रहा है।
गोरखपुर से मिली जानकारी के अनुसार मधुलिका मिश्रा (23) जिले के मछली गांव की रहने वाली है और उसके पिता राकेश चंद्र मिश्रा एक किसान हैं। उसके दो भाई हैं जो पढ़ रहे हैं। मधुलिका ने नौ अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था और सोशल मीडिया टि्वटर पर भी उनसे मदद की गुहार लगायी थी।
मधुलिका के पिता राकेश चंद्र मिश्रा ने बताया, ‘‘कुछ दिन पहले उसे सांस लेने में परेशानी हुई तो हम उसे गोरखपुर के एक निजी अस्पताल ले गए जहां डाक्टरों ने बताया कि उसके दिल के वाल्व में समस्या है। हम उसे लखनऊ के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान और किंग जार्ज मेडिकल विश्वविदयालय भी ले गये लेकिन वहां कोरोना वायरस के मरीजों के कारण अस्पताल ने भर्ती करने से इनकार कर दिया। तब हम उसे मेंदाता अस्पताल ले गये जहां डाक्टरों ने बताया कि दोनों वाल्व बदले जायेंगे जिसका खर्च करीब दस लाख रुपये आयेगा।’’
उन्होंने बताया, ‘‘मैं एक गरीब किसान हूं और मेरे लिए इतने रुपये का इंतजाम कर पाना मुश्किल था। मेरी बेटी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा और टि्वटर पर उनसे मदद मांगी। मैं मुख्यमंत्री का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मेरी बेटी की मदद की। अब 24 अगस्त को लखनऊ के मेदांता अस्पताल में उसका आपरेशन होगा।’’
सूचना निदेशक शिशिर ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी हुई थी। उन्होंने मधुलिका के पिता को पत्र लिखकर बताया कि उनकी पुत्री के मेदांता में इलाज कराने के लिए 9.90 लाख रुपये मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से स्वीकृत कर दिए गए हैं। यह धनराशि मेदांता अस्पताल को भेज दिये गये हैं।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा कि उम्मीद है कि इस धनराशि से उसका आपरेशन सकुशल संपन्न होगा और वह जल्द ही स्वस्थ होकर अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सकेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने विवेकाधीन कोष से गरीब अस्वस्थ लोगों की मदद करते रहते हैं। प्रतिमाह इस कोष से करोड़ों रुपये प्रदेश के गरीबों के इलाज के लिए दिए जाते हैं।