योगी सरकार ला रही है ‘खेत सुरक्षा योजना’, इस माह से लागू होने की संभावना


इस योजना की खासियत यह है कि इसमें छुट्टा पशु और किसानों की फसलें दोनों ही सुरक्षित रहेंगे। ‘सोलर फेंसिंग’ बिना नुकसान पहुंचाए जानवरों को खेतों से दूर रखती है। 12 वोल्ट का करंट पशु और मानव दोनों के लिए नुकसानदायक नहीं है।



आवारा-छुट्टा जानवरों से परेशान उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए प्रदेश सरकार अब ‘खेत सुरक्षा योजना’ ला रही है। इस योजना के तहत खेतों की मेड़ पर सोलर फेंसिंग (सौर बाड़ ) लगाई जाएगी। राज्य सरकार इस योजना को पायलट या प्रायोगिक आधार पर इस साल रबी की फसल के समय लागू करने की तैयारी कर रही है। उत्तर प्रदेश में किसानों की फसलों को आवारा पशुओं से होने वाला नुकसान 2022 के विधानसभा चुनाव के समय एक बड़ा चुनावी मुद्दा था।

इस योजना की खासियत यह है कि इसमें छुट्टा पशु और किसानों की फसलें दोनों ही सुरक्षित रहेंगे। ‘सोलर फेंसिंग’ बिना नुकसान पहुंचाए जानवरों को खेतों से दूर रखती है। 12 वोल्ट का करंट पशु और मानव दोनों के लिए नुकसानदायक नहीं है। इसका झटका लगने से पशु पर मनोवैज्ञानिक असर पड़ेगा और वह खेत की तरफ नहीं आएगा। इसके अलावा पशु द्वारा बाड़ को छूते ही सायरन बजेगा।

उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘आवारा पशुओं विशेषकर नीलगाय से प्रदेश के किसान बहुत परेशान हैं। यह किसानों की फसल को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। आवारा पशुओं से किसानों को बचाने के लिए प्रदेश सरकार ‘मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा’ योजना ला रही है।’’ नीलगाय एक बड़ा और शक्तिशाली जानवर है। कद में नर नीलगाय घोड़े जितना होता है। यह फसलों को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं।

चतुर्वेदी ने बताया, ‘‘तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश के किसान बड़े पैमाने पर इस तरह की योजना से लाभान्वित हो रहे हैं क्योंकि वहां यह योजना लागू है। इन राज्यों में चल रही इस योजना का अध्ययन करने के लिए अधिकारियों का एक दल सितंबर माह के पहले सप्ताह इन राज्यों का दौरा करेगा। हमारा प्रयास है कि प्रायोगिक आधार पर इस परियोजना को उत्तर प्रदेश के कुछ जनपदों में हम रबी की फसल के दौरान लागू कर दें।’’ रबी की फसलें अक्टूबर और दिसंबर के बीच बोई जाती हैं और अप्रैल और मई के महीने में काटी जाती हैं।

 



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