कोलंबो। श्रीलंका में सत्तारूढ़ गठबंधन, श्रीलंका पोदुजना पेरामुना (एसएलपीपी) के 12 सांसद बुधवार को आधिकारिक रूप से विपक्ष में शामिल हो गए। अपने इस निर्णय पर सांसदों ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन ने लोगों के साथ अपना सामाजिक सरोकार खो दिया है।
इन सांसदों में पूर्व मंत्री जी. एल. पेरिस भी शामिल हैं जो अप्रैल में पार्टी से अलग हो गए थे। इससे एक दिन पहले राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने सभी दलों से अपील की थी कि वे श्रीलंका को अभूतपूर्व आर्थिक संकट से उबारने के लिए सर्वदलीय सरकार में शामिल हों। उन्होंने कहा कि “मजबूत अर्थव्यवस्थाओं” को यह मौका नहीं देना चाहिए कि वे (श्रीलंका की) आर्थिक बदहाली को “हस्तक्षेप के मौके” के तौर पर इस्तेमाल करें।
पेरिस के अलावा एसएलपीपी के नेता दुल्लास अलहापेरुमा, डिलन पेरेरा और नालाका गोदाहेवा विपक्ष में शामिल हो गए हैं।
इन 12 सांसदों के जाने से राष्ट्रपति विक्रमसिंघे नीत सरकार के स्थायित्व पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पेरिस ने कहा कि सरकार ने लोगों के साथ अपना सामाजिक सरोकार खो दिया है। उन्होंने कहा कि एसएलपीपी के समर्थकों का भरोसा टूट गया है और अगर लोग चुनाव चाहते हैं तो लोकतंत्र को कायम रखने के लिए चुनाव होना चाहिए।