इजरायल की ओर से गाजा में किए गए हमले में पांच पत्रकारों की मौत हो गई, जिनमें कतर के मीडिया हाउस अलजजीरा के अनस अल-शरीफ भी शामिल हैं। गाजा शहर के अल-शिफा अस्पताल के पास पत्रकारों के लिए बने एक तंबू पर हुए इजरायली हमले में इन लोगों की मौत हो गई।
न्यूज एजेंसी AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार (10 अगस्त, 2025) देर शाम गाजा शहर के अल-शिफा अस्पताल के मुख्य द्वार के बाहर स्थित तंबू पर हुए हमले में 7 लोगों की जान चली गई। इनमें अल जज़ीरा के संवाददाता मोहम्मद करीकेह और कैमरामैन इब्राहिम जहीर, मोहम्मद नौफल और मोअमेन अलीवा शामिल हैं।
इजरायल के हमले को लेकर अल जजीरा के अनस अल-शरीफ ने अपनी आखिरी पोस्ट में लिखा, “अगर मेरे ये शब्द आप तक पहुंचें तो जान लीजिए कि इज़रायल मुझे मारने और मेरी आवाज़ दबाने में कामयाब हो गया है, लेकिन गाज़ा को मत भूलना”। अल जज़ीरा ने एक स्थानीय अस्पताल के प्रमुख के हवाले से कहा कि गाजा शहर में उनके तंबू पर हुए इज़रायली हमले में उनके 4 पत्रकार मारे गए।
IDF ने अनस अल-शरीफ को बताया आतंकी
इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने अनस को आतंकी बताया है। इजरायली मिलिट्री की तरफ से किए गए सोशल मीडिया पोस्ट में कहा गया कि हमास आतंकवादी अनस अल-शरीफ, जो खुद को अल जज़ीरा का पत्रकार बताता था। अल-शरीफ हमास के एक आतंकवादी समूह का प्रमुख था और उसने इज़रायली नागरिकों और आईडीएफ सैनिकों पर रॉकेट से हमले किए थे।
आईडीएफ ने कहा कि गाजा से मिली खुफिया जानकारी और दस्तावेज़, जिनमें रोस्टर, आतंकवादी प्रशिक्षण सूचियां और वेतन रिकॉर्ड शामिल हैं, साबित करते हैं कि अनस अल शरीफ अल जज़ीरा से जुड़ा एक हमास कार्यकर्ता था। साथ ही कहा कि प्रेस बैज आतंकवाद के लिए ढाल नहीं है।