भारत के राजदूत ने कहा- आतंकवाद जैसे मानवता के दुश्मनों के खिलाफ आवाज उठाता रहेगा भारत


तिरुमूर्ति ने भारत का झंडा स्थापित करते हुए कहा कि देश आठवीं बार सुरक्षा परिषद का सदस्य बना है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत के स्थायी प्रतिनिधि के तौर पर ध्वज स्थापना समारोह में शामिल होना मेरे लिए गर्व की बात है।’’


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संयुक्त राष्ट्र।  संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत ने कहा है कि भारत विकासशील देशों की आवाज बनेगा और आतंकवाद जैसे मानवता के दुश्मनों के खिलाफ आवाज उठाता रहेगा। उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने कार्यकाल में वैश्विक शांति एवं सुरक्षा के मामलों के मानवता केंद्रित और समावेशी समाधान लाने के लिए काम करेगा।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी. एस. तिरुमूर्ति ने ये बातें सुरक्षा परिषद में सोमवार को आयोजित विशेष ध्वज स्थापना समारोह में अपने संबोधन में कहीं। विशेष समारोह में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच नए अस्थायी सदस्यों – भारत, नॉर्वे, केन्या, आयरलैंड और मेक्सिको के झंडे लगाए गए।

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर एक जनवरी को अपना कार्यकाल शुरू किया। सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर भारत का कार्यकाल 2021-22 तक होगा।

तिरुमूर्ति ने भारत का झंडा स्थापित करते हुए कहा कि देश आठवीं बार सुरक्षा परिषद का सदस्य बना है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत के स्थायी प्रतिनिधि के तौर पर ध्वज स्थापना समारोह में शामिल होना मेरे लिए गर्व की बात है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत बहुपक्षवाद में सुधार, कानून के शासन, एक निष्पक्ष और न्यायसंगत अंतरराष्ट्रीय प्रणाली तथा शांति, सुरक्षा और विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता के साथ सुरक्षा परिषद में सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के तौर पर शामिल हुआ है जो दुनिया की विशाल आबादी (दुनिया की आबादी का छठा हिस्सा) का प्रतिनिधित्व करता है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक, हम एकजुट हैं और लोकतंत्र, बहुलवाद तथा मौलिक अधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता के हमारे मूल्यों से एकसूत्र में बंधे हैं।’’

तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘सुरक्षा परिषद में अपने कार्यकाल का इस्तेमाल भारत अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के विषयों के मानवता केंद्रित और समावेशी समाधान तलाशने के लिए करेगा। भारत विकासशील देशों की आवाज बनेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमलोग आतंकवाद जैसे मानवता के दुश्मनों के खिलाफ आवाज उठाने से नहीं हिचकेंगे। भारत ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के अपने विचार को आगे बढ़ाता रहेगा।’’

तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत शांति रक्षण अभियान, शांति की स्थापना, समुद्री सुरक्षा, विशेष रूप से संघर्ष की स्थितियों में महिलाओं और युवाओं की सुरक्षा और प्रौद्योगिकी पर मानवीय भावनाओं के साथ ध्यान केंद्रित करेगा।

तिरुमूर्ति ने संयुक्त राष्ट्र के उन सदस्य देशों का भी आभार जताया जिनके भरपूर समर्थन से भारत को सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर शामिल होने का अवसर मिला। समारोह में कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन किया गया। इस दौरान अस्थायी सदस्य के तौर पर शामिल अन्य देशों के भी झंडे लगाए गए।

तिरुमूर्ति ने कहा कि कोविड-19 के दौर में दुनिया के देश एकसाथ आए हैं। उन्होंने भारतीय विचारक स्वामी विवेकानंद का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हर राष्ट्र को निश्चित रूप से कुछ देना होगा। जब आप जीवन प्रदान करते हो तो आपको भी जीवन मिलता है। जब आप पाते हो तो आपको दूसरों को भी देना चाहिए।’’

उन्होंने कोविड-19 का टीका बनाने वाले वैज्ञानिकों का भी विशेष रूप से आभार जताया। संयुक्त राष्ट्र के नेताओं और सदस्य देशों ने भारत समेत सुरक्षा परिषद में शामिल हुए पांच नए सदस्य देशों का स्वागत किया। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों और शीर्ष नेताओं ने इन पांच नए देशों के स्वागत में बधाई संदेश जारी करते हुए लिखा, ‘‘सुरक्षा परिषद में आपका स्वागत है।’’

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र के अध्यक्ष वोल्कन बोजकिर ने ट्वीट किया, ‘‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नए सदस्य देशों को बधाई…। मेरी कामना है कि अपने दो साल के कार्यकाल में वैश्विक शांति एवं खुशहाली की दिशा में आपको महत्वपूर्ण कार्यों में सफलता मिले।’’

संयुक्त राष्ट्र में राजनीतिक एवं शांति स्थापना मामलों के लिए अंडर सेक्रेटरी जनरल रोजमेरी डिकार्लो ने कहा कि शांति एवं सुरक्षा लाने में सुरक्षा परिषद के नए सदस्य देशों के साथ काम करने को लेकर वह आशान्वित हैं।

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी दूत केली क्राफ्ट ने ट्वीट किया, ‘‘सुरक्षा परिषद में नए सदस्य देशों भारत, नॉर्वे, केन्या, आयरलैंड और मेक्सिको का स्वागत।’’ संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन के स्थायी मिशन ने ट्वीट किया, ‘‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 2021-22 के कार्यकाल के लिए भारत, नॉर्वे, केन्या, आयरलैंड और मेक्सिको का स्वागत।’’

संयुक्त राष्ट्र में चीन के मिशन ने भी नए शामिल देशों का स्वागत किया और कहा, ‘‘नया साल नई उम्मीदें लेकर आए। एक शांतिपूर्ण और खुशहाल विश्व के लिए चीन आप सभी के साथ काम करने के लिए तैयार है।’’



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