कोविड-19 के मरीजों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिये ब्लूटूथ विकसित

शोधकर्ताओं के अनुसार डीपी-3टी ट्रेसिंग सिस्टम में निजता उच्चतर मानकों को अपनाया गया है।यूसीएल के माइकल वेआले ने कहा किइस बात को लेकर चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं कि कई देशों में सरकारें ब्लूटूथ ट्रेसिंग से लोगों की निगरानी कर सकती हैं। जबकि इससे लोगों की निजता का उलंघन नहीं किया जा सकेगा।

लंदन. वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस की चपेट में आए लोगों का
पता लगाने के लिये एक नया ब्लूटूथ विकसित किया है, जो किसी
व्यक्ति की निजता की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखते हुए इस महामारी के प्रसार का
विश्लेषण करने में विशेषज्ञों की मदद करेगा।

ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) के
शोधकर्ताओं के अनुसार डीपी-3टी
ट्रेसिंग सिस्टम में निजता उच्चतर मानकों को अपनाया गया है।

यूसीएल के माइकल वेआले ने कहा कि इस बात को लेकर चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं
कि कई देशों में सरकारें ब्लूटूथ ट्रेसिंग से लोगों की निगरानी कर सकती हैं। खासकर
उन देशों में जहां कमजोर निजता कानून और मानवाधिकार को लेकर चिंताएं हैं।

वेआले ने कहा कि हमने एक व्यावहारिक समाधान विकसित किया है जो कोविड-19 मरीज के संपर्क में आए किसी व्यक्ति का पता लगाने में मदद कर सकता है।
इसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि उपयोगकर्ता की जानकारी सार्वजनिक न हो। आपको बता दे कि  कोरोना महामारी का सबसे विनाशकारी रूप यह है कि यदि यह बीमारी किसी स्वस्थ व्यक्ति को हो जाती है तो उसको इसका पता भी नहीं चलेगा और वह इसका वाहक बन जाता है और आसानी से अपने सगे-संबंधियों में फैला देता है। जबकि दूसरे बीमारियों में यदि कोई व्यक्ति उसकी चपेट में आता है तो उसमें बीमारी के लक्षण दिख जाते हैं और उसको आसानी से पहचान कर दूसरे से अलग किया जा सकता है और बचा जा सकता है।

First Published on: April 9, 2020 5:46 PM
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