यूक्रेन में सेना भेजने को तैयार हुए ब्रिटिश पीएम, ट्रंप की मेहनत पर पानी फेर देगा ब्रिटेन?


रूस ने शनिवार को कहा कि उसकी सेना ने पूर्वी यूक्रेन के दोनेत्स्क क्षेत्र में सफलता हासिल करते हुए बेरेजिवका गांव पर कब्जा कर लिया है, जहां यूक्रेनी सुरक्षा बल कमजोर पड़ रहे हैं। रूस के इस दावे पर यूक्रेनी अधिकारियों ने तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है।


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वॉशिंगटन। अमेरिका जिस समय रूस और यूक्रेन का युद्ध खत्म करने पर बात कर रहा है, उसी समय ब्रिटेन ने ऐसी बात कही है जो युद्ध को बढ़ा सकता है। ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर ने यूक्रेन में ब्रिटिश सैनिकों के तैनाती की पेशकश की है, ताकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को यह समझाया जा सके कि यूरोप शांति स्थापित करने में एक प्रमुख भूमिका निभाने को तैयार है। स्टार्मर यह नहीं कह रहे हैं कि वह यूके के सैनिकों को लड़ने के लिए भेजेंगे, बल्कि उनकी पेशकश सीजफायर के दौरान तैनाती से जुड़ी है। स्टार्मर ने कहा कि वे व्यापार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर बढ़ते ट्रांसअटलांटिक तनाव के बीच वह यूरोप और अमेरिका के बीच एक पुल की तरह काम करना चाहते हैं।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की ओर से आयोजित एक शिखर सम्मेलन में वह हिस्सा लेंगे, जहां यूक्रेन युद्ध को खत्म करने को लेकर यूरोप की भूमिका पर चर्चा होगी। इस बैठक से पहले उन्होंने अन्य यूरोपीय देशों पर दबाव डाला कि यूक्रेन में सैनिक भेजें। स्टार्मर ने कहा, ‘यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने के लिए हम अपने सैनिकों को जमीन पर उतारने के लिए तैयार और इच्छुक हैं।’ उन्होंने कहा कि यूरोपीय देशों को इसे लेकर कदम बढ़ाना चाहिए, लेकिन अमेरिकी समर्थन और सुरक्षा गारटी स्थायी शांति के लिए जरूरी है।

रूस ने शनिवार को कहा कि उसकी सेना ने पूर्वी यूक्रेन के दोनेत्स्क क्षेत्र में सफलता हासिल करते हुए बेरेजिवका गांव पर कब्जा कर लिया है, जहां यूक्रेनी सुरक्षा बल कमजोर पड़ रहे हैं। रूस के इस दावे पर यूक्रेनी अधिकारियों ने तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है। रूस की बहुत बड़ी सेना ने पूर्वी मोर्चे पर एक साल तक लगातार अभियान चलाया है, जिससे धीरे-धीरे यूक्रेनी बलों की पकड़ उसके अपने गढ़ों पर ढीली हो गई है। इस महीने के अंत में युद्ध अपने चौथे वर्ष में प्रवेश कर रहा है। हालांकि, केवल एक छोटी सी बस्ती बेरेजिवका पर कब्जा करने से रूस का दोनेत्स्क क्षेत्र में अभियान आगे बढ़ेगा। हालांकि, इस पर कब्जा के लिए मॉस्को को सैनिकों और उपकरणों के लिहाज से भारी नुकसान उठाना पड़ा है, लेकिन क्रेमलिन को इससे फायदा हुआ है।