वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप और उनके समर्थकों पर चुनाव को लेकर झूठ बालने और लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाया। कैपिटल हिल (अमेरिकी संसद भवन) पर हुए हमले के एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर बाइडन ने यह बयान दिया।
गौरतलब है कि ट्रंप ने तीन नवंबर 2020 को हुए राष्ट्रपति चुनाव में हार स्वीकार नहीं की थी और उन्होंने चुनाव में धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे। ट्रंप के इन आरोपों के बीच संसद भवन पर उनके समर्थकों ने छह जनवरी को कथित तौर पर हिंसा की थी।
बाइडन ने कहा, ‘‘इतिहास में पहली बार, एक राष्ट्रपति केवल चुनाव नहीं हारा, बल्कि हिंसक भीड़ के कैपिटल में हिंसा करने से, उसने सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण को रोकने की कोशिश भी की। पूर्व राष्ट्रपति के समर्थक इतिहास को पुन:लिखने की कोशिश कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि आप चुनाव के दिन को विद्रोह के दिन के रूप में और छह जनवरी को यहां हुए दंगों को लोगों की इच्छा की सच्ची अभिव्यक्ति के रूप में देखें।’’
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ हमें इस बात को लेकर स्पष्ट होना चाहिए कि क्या सच है और क्या झूठ। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने 2020 चुनाव को लेकर कई झूठ फैलाएं हैं।
कैपिटल में बाइडन के भाषण के दौरान अधिकतर रिपब्लिकन सांसदों की अनुपस्थिति या चुप्पी ने देश में विभाजन को काफी हद तक रेखांकित किया। इससे पहले, हमेशा बाइडन ने हमले का उल्लेख काफी संयम से किया था, लेकिन बृहस्पतिवार को उन्होंने काफी आक्रामक भाषण दिया।
वहीं, फ्लोरिडा में ट्रंप ने एक बार फिर 2020 राष्ट्रपति चुनाव पर सवाल उठाए। उन्होंने छह जनवरी को कैपिटल में हजारों समर्थकों को भेजने की कोई जिम्मेदारी नहीं ली, जब उन्होंने अपने समर्थकों से कहा था कि लड़ने में जान लगा दो।
यहां तक कि कुछ रिपब्लिकन नेता जिन्होंने हमले की निंदा की थी, उन्होंने भी अपने सुर बदल लिए और इस तरह के बयान दिए कि जैसे कि वह ट्रंप से सहमत हों। दक्षिण कैरोलिना के सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रपति बाइडन ने छह जनवरी को लेकर क्या निर्लज राजनीति की’’।
रिपब्लिकन नेता मिच मैककोनेल, जिन्होंने पहले कहा था कि ट्रंप ‘‘व्यावहारिक और नैतिक रूप से’’ हमले के लिए जिम्मेदार थे…अब उन्होंने एक बयान जारी कर उस दिन की गंभीरता पर प्रकाश डाला, साथ ही यह भी कहा कि कुछ डेमोक्रेट अन्य उद्देश्यों के लिए इसका फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।