जर्नल ‘कार्डियोवस्कुलर’ में प्रकाशित अध्ययन में कोरोना वायरस से हुई मौतों के संबंध में विश्लेषण किया गया और दुनिया के विभिन्न देशों में वायु प्रदूषण से संबंध का पता लगाया गया।
अध्ययन करने वाली टीम ने कहा कि कोविड-19 से जितनी मौत हुई और इसमें वायु प्रदूषण की वजह से आबादी पर बढ़े खतरों का विश्लेषण किया गया। शोधकर्ताओं ने कहा कि निकाला गया अनुपात वायु प्रदूषण और कोविड-19 मृत्यु दर के बीच सीधे जुड़ाव को नहीं दिखाता है। हालांकि, वायु प्रदूषण के कारण बीमारी की गंभीरता बढ़ने और स्वास्थ्य संबंधी अन्य जोखिमों के बीच प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष संबंधों को देखा गया।
शोधकर्ताओं ने वायु प्रदूषण और कोविड-19 के संबंध में अमेरिका और चीन के पूर्व के अध्ययनों का इस्तेमाल किया। वर्ष 2003 में सार्स बीमारी से जुड़े आंकड़ों का भी इसमें इस्तेमाल किया गया। अध्ययन करने वाली टीम ने हवा में पीएम 2.5 जैसे अति सूक्ष्म कणों की मौजूदगी वाले माहौल में ज्यादा समय तक रहने के संबंध में एक मॉडल का विश्लेषण किया।
महामारी के बारे में जून 2020 के तीसरे सप्ताह तक के आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया और शोधकर्ताओं ने कहा कि महामारी खत्म होने के बाद इस बारे में व्यापक विश्लेषण करने की जरूरत होगी।