अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी का टैरिफ लगाया है। ट्रंप के इस फैसले का उनके ही देश में विरोध हो रहा है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जैक सुलिवन ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 50 फीसदी टैरिफ लगाकर भारत पर ज्यादा व्यापारिक दबाव बनाया है। सुलिवन का मानना है कि ट्रंप की नीतियों की वजह से भारत धीरे-धीरे चीन की तरफ झुक रहा है।
जैक सुलिवन ने एक पॉडकास्ट में कहा, ‘जब वह दूसरे देशों के नेताओं से बात करते हैं, तो वे कहते हैं कि अब अमेरिका भरोसे के लायक नहीं बचा। कई देश अमेरिका को सबसे बड़ा परेशानी पैदा करने वाला मानते हैं, जबकि चीन एक जिम्मेदार और भरोसेमंद देश की तरह सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि पहले अमेरिका की छवि मजबूत थी, लेकिन अब चीन की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है और अमेरिका की साख कमजोर होती जा रही है।’
भारत का उदाहरण देते हुए सुलिवन ने कहा, ‘भारत के साथ गहरे और स्थायी रिश्ते बनाने की कोशिश दोनों पार्टियों की सहमति से चल रही थी, लेकिन ट्रंप ने भारत पर इतना बड़ा व्यापारिक हमला कर दिया कि अब भारतीय नेताओं को कहना पड़ रहा है कि शायद हमें बीजिंग जाकर चीन के साथ बैठना पड़े, ताकि अमेरिका के खिलाफ संतुलन बनाया जा सके।’
ट्रंप प्रशासन ने 27 अगस्त से भारत पर 50% का टैरिफ लागू कर दिया है। यह किसी भी देश पर लगाया गया सबसे ऊंचा टैरिफ है। माना जा रहा है कि इससे भारत की अर्थव्यवस्था और रोजगार पर गहरा असर पड़ेगा। ट्रंप ने अतिरिक्त 25% शुल्क का कारण भारत द्वारा रूस से तेल खरीदना बताया। इस भारी टैक्स से भारत के वस्त्र, आभूषण और मैकेनिकल उपकरण उद्योग पर सबसे ज्यादा असर पड़ने की आशंका है।
इस बीच अमेरिकी निवेश बैंक जेफरीज की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत पर टैरिफ लगाने की असली वजह ट्रंप की व्यक्तिगत नाराजगी है। दरअसल, मई में ट्रंप भारत पाकिस्तान विवाद में मध्यस्थता करना चाहते थे, लेकिन भारत ने मना कर दिया। इसके अलावा, कृषि क्षेत्र भी दोनों देशों के बीच टकराव का बड़ा मुद्दा बताया गया है।
