बर्लिन। जर्मनी के विदेश मंत्री ने मंगलवार को चीन पर आरोप लगाया कि वह कोरोना वायरस के टीकों के दान को राजनीतिक मांगों से जोड़ रहा है।
हीको मास ने कहा कि रूस और चीन दोनों ही टीकों को अन्य देशों को दिए जाने की बात भुनाने में माहिर हैं लेकिन ऐसा कर वे अपने कुछ और हितों को भी साध रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने खासकर चीन के संबंध में पाया है कि टीकों की आपूर्ति कई देशों से राजनीतिक मांगों को बहुत स्पष्ट करने के लिए भी की जा रही है।”
मिशिगन के कलामाजू के दौरे पर फाइजर के उत्पादन केंद्र का जायजा लेने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में मास ने कहा कि ऐसी हरकत को खारिज किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “ऐसी चीजों को शुरुआत में ही रोकने के लिए हमें इसकी आलोचना करने की जरूरत नहीं है बल्कि हमें सुनिश्चित करना होगा कि प्रभावित देशों के पास विकल्प हों।’’
मास ने कहा, “ये विकल्प हमारे पास उपलब्ध टीके हैं और जिन्हें हम निश्चित तौर पर ज्यादा से ज्यादा देशों और दुनिया के अन्य हिस्सों को उपलब्ध कराना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा, “इस तरह से रूस और चीन अपनी कठिन टीका कूटनीति का संचालन जारी नहीं रख सकते जिसका एकमात्र मकसद सबसे पहले अपना प्रभाव बढ़ाना है न कि लोगों की जान बचाना।
इससे पहले ताइवान भी चीन पर टीकों की डिलिवरी कर देशों पर ताइवान के लिए समर्थन कम करने का दबाव बनाने का आरोप लगा चुका है जिसे बीजिंग अपना क्षेत्र बताता है।
चीन के अधिकारियों ने हाल में बताया था कि उनका देश करीब 40 अफ्रीकी देशों को कोरोना वायरस रोधी टीके उपलब्ध करा रहा है लेकिन कहा कि यह विशुद्ध रूप से परोपकारी कारणों से किया जा रहा है।