ग्लोबल वार्मिंग का 1.7 डिग्री सेल्सियस से नीचे होना तर्कसंगत नहीं

यदि आप वैज्ञानिक रिपोर्टों का अध्ययन करेंगे , तो ऐसे अनगिनत परिदृश्य मिलेंगे जो हमें 2050 तक वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने की ओर ले जा सकते हैं और हम तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस घटाने के लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।

हैम्बर्ग (जर्मनी)। यदि आप वैज्ञानिक रिपोर्टों का अध्ययन करेंगे , तो ऐसे अनगिनत परिदृश्य मिलेंगे जो हमें 2050 तक वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने की ओर ले जा सकते हैं और हम तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस घटाने के लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। तात्पर्य यह है कि ‘‘यह अब भी संभव है, बशर्ते कि हमारे पास राजनीतक इच्छा शक्ति हो। ’’

लेकिन हमारी राजनीतिक इच्छा शक्ति किस कदर होगी, और इससे भी महत्वपूर्ण यह कि इसे आगे बढ़ाने वाले गहरे सामाजिक व्यवहार कैसे होंगे?

क्या यह न सिर्फ संभव है, बल्कि तर्कसंगत भी है कि हम 2050 तक कार्बन उत्सर्जन में बड़ी मात्रा में कटौती करने के लक्ष्य तक पहुंच सके और तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस कमी लाने के लक्ष्य को हासिल कर सकें?

ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो हालिया हैम्बर्ग क्लाइमेट फ्यूचर्स आउटलुक में हमने खुद से पूछे है। यह एक रिपोर्ट है जिसे समाजशास्त्र, वृहत अर्थशास्त्र और प्राकृतिक विज्ञान सहित विभिन्न विधाओं के 40 से अधिक विद्वानों द्वारा संकलित किया गया है।

हमने जलवायु भविष्य के अध्ययन के लिए एक नया रुख अपनाया है, एक रुख आईपीसीसी (जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी समिति), अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी और अन्य की पिछली कोशिशों से आगे जाता है, जिन्होंने महज ‘संभावित’ एवं व्यवहार्य भविष्य का अनुमान लगाया था। यहां ‘संभावित’ शब्द का तात्पर्य प्राकृतिक कानूनों के अनुरूप होने से है, जबकि ‘व्यवहार्य’ का अर्थ यह है कि एक विशेष भविष्य के प्रति कोई नहीं या कुछ ही बाधाएं हों।

उदाहरण के तौर पर, यह प्रौद्योगिकीय और आर्थिक दृष्टिकोण से व्यवहार्य (साफ तौर पर संभव) है कि आप अपनी कार बेच दें और एक बाइक खरीद लें। बाइक की प्रौद्योगिकी परिपक्व है और यह कार के रखरखाव की तुलना में सस्ता है। लेकिन क्या आप ऐसा करेंगे? यह भी व्यवहार्य है कि ब्रिटेन की 20 प्रतिशत आबादी अगले साल तक शाकाहारी हो जाए। लेकिन क्या वे ऐसा करेंगे?

वहीं, दूसरी ओर ‘तर्कसंगत’ शब्द का यहां यह तात्पर्य है कि कुछ चीजों के अन्य की तुलना में होने की कहीं अधिक संभावना है–इसमें एक मजबूत संभाव्यता होती है। जलवायु भविष्य के संदर्भ में इसका तात्पर्य एक ऐसे परिदृश्य से है, जो न सिर्फ व्यवहार्य हो, बल्कि उस भविष्य को साकार करने के लिए पर्याप्त सामाजिक व्यवहार एवं राजनीतिक इच्छा शक्ति भी हो।

सामाजिक एवं भौतिक तर्कसंगतता का प्रदर्शित होना:-

हमारे अध्ययन में, हमने सर्वप्रथम 2050 तक कार्बन में बड़ी कटौती के लक्ष्य के लिए जरूरी उपायों को बयां करने वाले मौजूद शोध की एक तस्वीर बनाई। बीईसीसीएस (उर्जा के लिए जैव ईंधन को जलाने और इससे पैदा होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड को संग्रहित करने) जैसी नकारात्मक उत्सर्जन प्रौद्योगिकियों से मदद मिल सकती है, लेकिन ये प्रौद्योगिकी समस्या का संपूर्ण समाधान नहीं हो सकती हैं…।

कार्बन में बड़ी मात्रा में कमी लाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमें सबसे पहले मानव गतिविधियों से उत्पन्न होने वाले प्रदूषकों को घटाना होगा। हमें अब से लेकर 2050 तक साल दर साल उत्सर्जन में कटौती करने की जरूरत होगी, जो कोविड-19 महामारी के दौरान लॉकडाउन के चलते आई 7 प्रतिशत की कमी के करीब हो।

चूंकि, शून्य कार्बन उत्सर्जन प्रौद्योगिकी को अपनाने में दशकों का समय लग सकता है, ऐसे में हमें इस पर तेजी से काम करने की जरूरत है।

इस तरह के त्वरित परिवर्तन के लिए जरूरी सामाजिक व्यवहार का अध्ययन करने के वास्ते हमने कार्बन में कटौती करने के 10 सामाजिक माध्यमों पर गौर किया: संयुक्त राष्ट्र जलवायु शासन, सीमापारीय कोशिशें, जलवायु से जुड़े नियम, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ प्रदर्शन एवं सामजिक आंदोलन, जलवायु वाद, कॉरपोरेट प्रतिक्रियाएं, जीवाश्म ईंधन की जगह ऊर्जा के अन्य स्रोत अपनाना, उपभोग पद्धति, पत्रकारिता और ज्ञान का सृजन ।

हमने पाया कि सामाजिक आंदोलनों ने कुछ देशों में सकारात्मक प्रभाव डाला है, लेकिन यह अनिश्चित बना हुआ है कि किस तरह से उनकी राजनीतिक दृष्टि महामारी के बाद परिपक्व होगी या चीन जैसे देशों में, जहां प्रदर्शनों का आमतौर पर राष्ट्रीय राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ता है।

हमने सामाजिक तर्कसंगतता के अपने आकलन को भविष्य के सामाजिक आर्थिक उत्सर्जन परिदृश्यों तथा जलवायु संवेदनशीलता पर ताजा भौतिक विज्ञान शोध से जोड़ कर यह जानने की कोशिश की कि सीओ2 की एक निर्धारित मात्रा के उत्सर्जन के बाद जलवायु कितनी गर्म होगी। इस संयुक्त भौतिक एवं सामाजिक आकलन ने सदी के अंत तक वार्मिंग को 1.7 डिग्री सेल्सियस से कम और 4.9 डिग्री सेल्सियस से अधिक आंका क्योंकि अभी यह तर्कसंगत नहीं है।

क्या खेल खत्म हो गया है?

कार्बन उत्सर्जन में बड़ी मात्रा में कटौती करना कहीं अधिक तर्कसंगत हो सकता है लेकिन इसके लिए कहीं अधिक ठोस कदम की जरूरत होगी। हमें न सिर्फ बड़े बदलाव करने होंगे, बल्कि उन बदलावों को मूर्त रूप भी देना होगा।

हालांकि, तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस घटाने का लक्ष्य संभव हो सकता है, लेकिन इस लक्ष्य के पूरा होने के लिए उम्मीद की कोई किरण दिखने के लिए आधार नहीं है, लेकिन शायद हमारे निष्कर्ष इसे साकार करने के लिए प्रेरणा देंगे।

First Published on: June 26, 2021 6:06 PM
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