म्यांमार की सेना ने एक फरवरी को तख्तापलट किया था और एक साल के लिए सत्ता अपने हाथ में ले ली। सेना ने म्यांमा की नेता आंग सान सू ची और राष्ट्रपति यू विन मिंट समेत शीर्ष राजनीतिक शख्सियतों को हिरासत में ले लिया। तख्तापलट के बाद देशभर में प्रदर्शन हुए जिसमें सेना की कार्रवाई में सैकड़ों लोग मारे गए।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने म्यांमा में स्थिति पर बुधवार को बंद कमरे में चर्चा की।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने ट्वीट किया कि बैठक में उन्होंने ‘‘हिंसा की निंदा की, लोगों की मौत पर शोक जताया, अधिक से अधिक संयम बरतने की अपील की, लोकतांत्रिक सत्ता हस्तांतरण के लिए प्रतिबद्धता जताई, हिरासत में लिए गए नेताओं को रिहा करने की मांग की और आसियान देशों की कोशिशों का स्वागत किया।’’
In my remarks in closed meeting in @UN #SecurityCouncil on #Myanmar, I made these points:
🔷 Condemn violence
🔷 Condole loss of lives
🔷 Urge maximum restraint
🔷 Our steadfast commitment to democratic transition
🔷 Release of detained leaders
🔷 Welcome @ASEAN efforts -1/2
⬇️ pic.twitter.com/d2LkQ7x07v— PR/Amb T S Tirumurti (@ambtstirumurti) March 31, 2021
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने म्यांमा में सुरक्षा बलों द्वारा बच्चों तथा युवाओं समेत दर्जनों नागरिकों की हत्या की पिछले सप्ताह ‘‘कड़ी निंदा’’ की थी।
महासचिव की म्यांमा पर विशेष दूत क्रिस्टीन श्रानर बर्गनर ने भी बैठक को संबोधित किया। बर्गनर ने आगाह किया कि देश में रक्तपात हो सकता है। उन्होंने कहा कि फरवरी में तख्तापलट के बाद से अब तक 520 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे डर है कि और रक्तपात होगा क्योंकि कमांडर इन चीफ ताकत के बल पर सत्ता पर गैरकानूनी पकड़ बनाए रखने को लेकर अडिग दिखाई दे रहे हैं।’’
संयुक्त राष्ट्र। भारत ने म्यांमार में हिंसा की निंदा की और लोगों की मौत पर शोक जताया, साथ ही म्यांमार से अधिक से अधिक संयम बरतने और हिरासत में लिए गए नेताओं को रिहा करने की अपील की।