अध्ययन में आया सामने, भारत-पकिस्तान की महिलाओं को सबसे ज्यादा स्तन कैंसर का ख़तरा

ह्यूस्टन। स्तन कैंसर के जोखिम वाले कारकों को समझने के लिए किये गये एक अध्ययन के अनुसार भारतीय और पाकिस्तानी महिलाओं में कम उम्र में ही घातक स्तन कैंसर होने का खतरा रहता है।

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कैंसर में प्रकाशित अध्ययन में भारतीय तथा पाकिस्तानी-अमेरिकी महिलाओं एवं अमेरिका में गैर-लातिन अमेरिकी श्वेत महिलाओं में स्तन कैंसर के लक्षणों का अध्ययन किया गया। इसके लिए नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के सर्विलांस, एपिडेमियोलॉजी एंड ऐंड रिजल्ट्स प्रोग्राम के आंकड़ों का उपयोग किया गया।

अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार भारतीय और पाकिस्तानी महिलाओं में कम उम्र में अधिक घातक कैंसर होने का खतरा होता है। उन्होंने 1990 से 2014 के बीच भारतीय और पाकिस्तानी महिलाओं से संबंधित आंकड़ों का अध्ययन किया।

जया एम सतगोपन ने कहा, हमारे अध्ययन के परिणाम भारतीय और पाकिस्तानी महिलाओं में स्तन कैंसर को लेकर जानकारी प्रदान करते हैं जो कैंसर के जोखिम वाले कारकों को बेहतर तरीके से समझने के लिए भविष्य के वैज्ञानिक अध्ययनों को दिशानिर्देशित करने वाली अनेक अवधारणाएं सुझाते हैं।

अध्ययनकर्ताओं ने 4,900 भारतीय और पाकिस्तानी महिलाओं के 2000 से 2016 के बीच के कैंसर के लक्षणों, उपचार और बीमारी से उबरने के आंकड़ों की भी समीक्षा की।

पूर्व के अध्ययनों में भारतीय और पाकिस्तानी महिलाओं की कम भागीदारी रही थी और यह भी पता चला कि विभिन्न कारणों से उनके स्वास्थ्य सेवाएं हासिल करने में भी देरी हुई।

First Published on: October 26, 2020 3:41 PM
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