इज़राइली उच्चतम न्यायालय ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को दी नई सरकार बनाने की अनुमति

इज़राइल के उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को व्यवस्था दी कि भ्रष्टाचार के मामले में आरोपों के बावजूद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू नई सरकार का गठन कर सकते हैं।

इज़राइल के उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को व्यवस्था दी कि भ्रष्टाचार के मामले में आरोपों के बावजूद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू नई सरकार का गठन कर सकते हैं।

विवादित समझौते को अमल में लाने का रास्ता साफ
अदालत के फैसले ने नेतन्याहू और उनके पूर्व प्रतिद्वंद्वी के लिए सत्ता में साझेदारी के विवादित समझौते को अमल में लाने का रास्ता साफ कर दिया है। सर्वसम्मति से लिया गया निर्णय आधी रात से पहले सुनाया गया जिससे 17 महीने से चल रहे राजनीतिक गतिरोध पर विराम लग गया और देश को लगभग एक साल में लगातार चौथी दफा चुनाव में जाने से भी बचा लिया।

सरकार बनाने से रोकने के लिए आधार नहीं मिला : कोर्ट 
अपने फैसले में 11 न्यायाधीशों की पीठ ने गठबंधन सरकार और नेतन्याहू के खिलाफ आपराधिक मामले को लेकर आशंका जताई, लेकिन कहा कि सरकार बनाने से रोकने के लिए आधार नहीं मिला है।

अदालत ने कहा, “हम नेतन्याहू को सरकार गठन से रोकने के लिए कोई कानूनी कारण पता नहीं लगा पाए।” अदालत ने कहा, “जिस कानूनी निष्कर्ष पर हम पहुंचे हैं, वह नैतिक निष्ठा के उल्लंघन के लिए नेतन्याहू के खिलाफ लंबित आरोपों की गंभीरता को कम नहीं करते हैं।”

नेतन्याहू और बेनी गैंट्ज़ ने कहा कि उनकी गठबंधन सरकार के अगले हफ्ते शपथ लेने की उम्मीद है। देश में बीते एक साल में तीन चुनाव हुए, लेकिन किसी को बहुमत नहीं मिला। इसके बाद नेतन्याहू और पूर्व सैना प्रमुख गैंट्ज़ ने पिछले महीने आपातकालीन सरकार बनाने का ऐलान किया और कहा कि वे देश को कोरोना वायरस संकट से निकालने के लिए अपनी प्रतिद्वंद्विता को भूल रहे हैं।

बहरहाल, आलोचकों और सुशासन समूहों ने कहा कि यह समझौता अवैध है और इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी।समझौते के तहत नेतन्याहू और गैंट्ज़ साथ में शपथ लेंगे और पहले नेतन्याहू प्रधानमंत्री पद पर सेवा देंगे जबकि गैंट्ज़ नामित प्रधानमंत्री होंगे। 18 महीने बाद गैंट्ज़ प्रधानमंत्री बनेंगे। नेतन्याहू पर धोखाधड़ी, विश्वासघात और रिश्वत लेने के आरोप हैं। हालांकि उन्होंने आरोपों से इनकार किया है।

First Published on: May 8, 2020 10:39 AM
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