कुआलालंपुर। मलेशिया नरेश द्वारा देश में कोरोना वायरस के फिर से फैल रहे प्रकोप के मद्देनजर आपातकाल घोषित करने के प्रधानमंत्री के प्रस्ताव को खारिज करने के बाद प्रधानमंत्री मुहियिद्दीन यासीन ने कहा कि उनकी सरकार कोविड-19 से लोगों को बचाने की कोशिश कर रही थी।
कोरोना वायरस के मद्देनजर मुहियिद्दीन ने संसद को निलंबित करने समेत आपातकाल लगाने की योजना बनाई थी, जिस पर देश भर में आक्रोश है और आलोचकों ने इस कदम को अलोकतांत्रिक बताया है।
मलेशिया पैलेस की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि सुल्तान अब्दुल्ला सुल्तान अहमद शाह की राय है कि फिलहाल उन्हें इस देश में या मलेशिया के किसी हिस्से में आपातकाल घोषित करने की आवश्यकता नहीं लगती।
इसके कुछ घंटे बाद मुहियिद्दीन ने कहा था कि मंत्रिमंडल ने नरेश के फैसले का संज्ञान लिया है और इस निर्णय पर आगे और चर्चा करेंगे। स्थानीय मीडिया के अनुसार मंत्रिमंडल सोमवार दोपहर में इस मुद्दे पर बैठक कर सकता है।
उन्होंने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘‘ अभी मंत्रिमंडल और सरकार की प्राथमिकता नागरिकों को कोविड-19 से बचाना है।’’ मुहियिद्दीन ने अपनी सरकार की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए नरेश की सलाह का भी स्वागत किया। मलेशिया में कोरोना वायरस के मामले केवल तीन सप्ताह में दो गुना बढ़कर 26,000 से अधिक हो गए हैं। आखिरी बार 1969 में घातक नस्ली दंगों के दौरान देश में आपातकाल घोषित किया गया था।