आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में पाक अदालत ने हाफिज सईद के दो और करीबियों को सुनाई सजा

पाकिस्तान की एक अदालत ने मुंबई आतंकी हमलों के साजिशकर्ता और जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद के दो और साथियों को आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में जेल भेजा है।

लाहौर। पाकिस्तान की एक अदालत ने मुंबई आतंकी हमलों के साजिशकर्ता और जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद के दो और साथियों को आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में जेल भेजा है।

लाहौर की आतंकवाद निरोधक अदालत (एटीसी) ने शुक्रवार को जमात के नेताओं मुहम्मद अशरफ और लुकमान शाह को क्रमश: छह और साढ़े पांच साल कैद की सजा सुनाई। एटीसी जज अरशद हुसैन भुट्टा ने दोनों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

इससे पहले एटीसी लाहौर ने बृहस्पतिवार को जमात प्रमुख सईद (70) को आतंकवाद के दो मामलों में 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। सईद के दो करीबी साथियों- जफर इकबाल और यहिया मुजाहिद को साढ़े दस-साढ़े दस साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। वहीं सईद के साले अब्दुल रहमान मक्की को इन्हीं मामलों में छह महीने की सजा सुनाई गई थी।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित सईद पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा है। उसे आतंकवाद के लिए आर्थिक सहायता देने के मामले में पिछले साल 17 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। इस साल फरवरी में एक आतंकवाद निरोधक अदालत ने उसे ऐसे दो मामलों में 11 साल कैद की सजा सुनाई थी।

जमात प्रमुख इस समय लाहौर की अति सुरक्षित कोट लखपत जेल में बंद है। वह 2008 के मुंबई हमलों की साजिश रचने के मामले में भारत में वांछित है जिसमें 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में कई जगहों पर आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया था तथा छह अमेरिकियों समेत 166 लोगों की जान ले ली थी। हमलों में सैकड़ों लोग घायल भी हो गए थे।

वैश्विक धनशोधन एव आतंकवाद वित्तपोषण पर नजर रखने वाले पेरिस स्थित संगठन ‘फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान पर उसके यहां बेरोक-टोक घूम रहे आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दबाव बनाने में अहम भूमिका निभाई है।

पाकिस्तान के आतंकवाद निरोधक विभाग ने जमात नेताओं के खिलाफ कुल 41 मामले दर्ज किये हैं जिनमें से 24 में फैसला आ चुका है, वहीं बाकी एटीसी की अदालतों में लंबित हैं। सईद के खिलाफ अभी तक चार मामलों में फैसला आ चुका है।

कुछ सप्ताह पहले ही एफएटीएफ ने पाकिस्तान को फरवरी 2021 तक के लिए अपनी ‘ग्रे’ सूची में बरकरार रखा क्योंकि इस्लामाबाद एजेंसी की छह प्रतिबद्धताओं पर खरा नहीं उतरा। इनमें सईद और मौलाना मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना भी शामिल है। ये दोनों भारत में सर्वाधिक वांछित आतंकवादी हैं।

अमेरिका के वित्त विभाग ने सईद को विशेष रूप से चिह्नित वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है। दिसंबर 2008 में उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1267 के तहत आतंकवादी घोषित किया गया था।

एफएटीएफ की ‘ग्रे’ सूची में बने रहने से पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और यूरोपीय संघ से वित्तीय मदद मिलना मुश्किल हो सकता है। इससे नकदी संकट से जूझ रहे देश के लिए और दिक्कतें बढ़ेंगी।

 

First Published on: November 21, 2020 1:18 PM
Exit mobile version