अफगानिस्तान संग सीजफायर के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का बयान सामने आया है। उन्होंने सोमवार (20 अक्टूबर) को कहा कि इस्लामाबाद-काबुल के बीच संघर्ष विराम समझौता पाकिस्तान पर हमला करने वाले आतंकवादियों पर लगाम लगाने की तालिबान की क्षमता से जुड़ा है।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने सीमा पर कई दिनों तक हुई झड़पों के बाद हाल ही में दोहा में संघर्ष विराम पर सहमति व्यक्त की। इस झड़प में दर्जनों लोगों की जानें गईं। साल 2021 में काबुल में तालिबान द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के बाद से यह सबसे भयानक हिंसा थी। एक समय के सहयोगी रहे दोनों देशों के बीच जमीनी लड़ाई और विवादित 2,600 किलोमीटर की सीमा पर पाकिस्तानी हवाई हमले तब शुरू हुए, जब इस्लामाबाद ने काबुल से आतंकवादियों को कंट्रोल करने की मांग की।
ख्वाजा आसिफ ने बताई समझौते की शर्तें
इस्लामाबाद में पाकिस्तानी संसद स्थित अपने कार्यालय में ख्वाजा आसिफ ने रॉयटर्स से बात करते हुए कहा, ‘अफगानिस्तान से आने वाली कोई भी चीज इस समझौते का उल्लंघन होगी। सब कुछ इसी एक धारा पर टिका है।’ तालिबान प्रशासन और अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने टिप्पणी के अनुरोधों का तुरंत जवाब नहीं दिया। मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान, तुर्किये और कतर के बीच हुए समझौते में साफ तौर पर कहा गया है कि कोई घुसपैठ नहीं होगी।
पाकिस्तान ने तालिबान पर क्या लगाया आरोप?
ख्वाजा आसिफ ने कहा कि हमारे पास एक युद्धविराम समझौता है, बशर्ते कि पहले से लागू समझौते का कोई उल्लंघन न हो। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कई इस्लामी आतंकवादी समूहों का संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, तालिबान के साथ मिलीभगत कर पाकिस्तान पर हमले करता है। हालांकि काबुल इस्लामाबाद की ओर से लगाए गए आरोपों का पहले ही खंडन कर चुका है। पाकिस्तान पर आतंकी हमलों के लिए इस्लामाबाद शुरू से ही तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को जिम्मेदार ठहराता आया है।
पाकिस्तान की एयरस्ट्राइक में मारे गए अफगान क्रिकेटर्स
हाल ही में पाकिस्तान की ओर से की गई एयरस्ट्राइक में तीन क्रिकेटरों समेत 10 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच 48 घंटे का सीजफायर हुआ और फिर शांति कायम रखने पर सहमति बनी। अफगानिस्तान का दावा है पाकिस्तान की ओर से बिना किसी उकसावे के फिर हमले शुरू किए गए। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) ने बताया कि पक्तिका प्रांत में पाकिस्तानी हवाई हमले में कम से कम तीन अफगानिस्तानी क्रिकेटर मारे गए।
