राजपक्षे ने स्वास्थ्य अधिकारियों को संबोधित करते हुए यात्रा प्रतिबंधों में 21 जून से 25 जून तक ढील देने की शुक्रवार को घोषणा की और कहा कि वह 14 जून को लॉकडाउन हटाने की योजना बना रहे थे, लेकिन कोविड-19 से हुई मौत संबंधी गलत आंकड़े पेश किए जाने के कारण वह ऐसा नहीं कर सके।
इसके बाद, देश में मार्च 2020 में संक्रमण फैलने के बाद से स्वास्थ्य मंत्रालय की महामारी विज्ञान इकाई के निदेशक का पद संभाल रहे मुख्य महामारीविद सुदाथ समरवीरा को डेंगू बुखार रोकथाम इकाई के प्रमुख के रूप में स्थानांतरित कर दिया गया।
राजपक्षे ने कोविड-19 से मौत संबंधी आंकड़ों के संकलन को दोषी ठहराते हुए कहा कि यात्रा प्रतिबंधों में ढील देने का उनका निर्णय गलत आंकड़ों से प्रभावित हुआ।
राजपक्षे ने स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा, ‘‘मुझे 14 जून को देश में प्रतिबंधों में ढील देनी थी, लेकिन उन्होंने 11 तारीख को अचानक कहा कि 101 लोगों की मौत हो गई, जिससे सभी डर गए। मैंने खुफिया सेवाओं से घर-घर जाकर इस आंकड़े की पुष्टि करने के लिए कहा था।”
‘कोलंबो गजट’ के अनुसार, राष्ट्रपति ने कहा कि स्वास्थ्य प्राधिकारियों और खुफिया इकाई ने लोगों की मौत के कारणों की गहन जांच के बाद खुलासा किया कि छह फरवरी से 11 जून तक चार महीने की अवधि में कुछ लोगों की मौत हुईं, लेकिन कुछ लोगों की मौत का दो बार उल्लेख किया गया था और 11 जून को 101 के बजाय केवल 15 लोगों की मौत कोविड-19 के कारण हुई।
श्रीलंका में 15 अप्रैल से संक्रमितों की संख्या में भारी बढ़ोतरी देखी गई है। देश में शुक्रवार रात तक संक्रमण के मामलों की कुल संख्या 2,35,413 थी, जिनमें से 35,000 से अधिक लोग उपचाराधीन हैं। मरने वालों की कुल संख्या 2,480 है। देश में अप्रैल के अंत से यात्रा प्रतिबंध लागू किए गए थे।
कोलंबो। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने कोरोना वायरस संक्रमण से हुई मौत संबंधी गलत आंकड़ा पेश किए जाने के कारण 14 जून को देश में प्रतिबंधों में ढील नहीं दे पाने पर नाराजगी जताई, जिसके बाद देश के एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी का स्थानांतरण कर दिया गया।