यूएन में फिर रखा गया इजरायल के खिलाफ प्रस्ताव, इस बार भारत ने उठाया यह कदम


अगर इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट करने वाले देशों की बात करें तो इसके विरोध में कनाडा, हंगरी, इजरायल, मार्शल द्वीप, माइक्रोनेशिया के संघीय राज्य, नाउरू, अमेरिका ने मतदान किया। वहीं, 18 देश इस मतदान से अनुपस्थित रहे।


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विदेश Updated On :

इजरायल-हमास युद्ध के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। संयुक्त राष्ट्र संघ में गुरुवार (9 नवंबर) को फिलिस्तीन में इजरायली बस्तियों के खिलाफ रखे गए एक अहम प्रस्ताव रखा गया। इसमें सबसे हैरान करने वाली बात ये रही कि भारत ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया। इस प्रस्ताव के समर्थन में 145 देशों ने अपना वोट दिया।

अगर इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट करने वाले देशों की बात करें तो इसके विरोध में कनाडा, हंगरी, इजरायल, मार्शल द्वीप, माइक्रोनेशिया के संघीय राज्य, नाउरू, अमेरिका ने मतदान किया। वहीं, 18 देश इस मतदान से अनुपस्थित रहे।

यूएन में बड़े अंतर से पास हुआ यह प्रस्ताव

संयुक्त राष्ट्र संघ में रखे गए इस प्रस्ताव में पूर्वी येरुशलम समेत फिलिस्तीनी क्षेत्र और कब्जे वाले सीरियाई गोलान में इजरायल की ओर से गलत तरीके से की जा रही कार्रवाई की आलोचना की गई थी। ‘पूर्वी येरुशलम और कब्जे वाले सीरियाई गोलान सहित फिलिस्तीनी क्षेत्र में इजरायली बस्तियां’ नाम का यह प्रस्ताव यूएन में काफी वोटों से पास हुआ।

पिछले महीने भारत ने इस प्रस्ताव से बनाई थी दूरी

इस प्रस्ताव से पहले अक्टूबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNSC) में जॉर्डन की ओर से एक प्रस्ताव पेश किया गया था। इस प्रस्ताव में इजरायल-हमास जंग में तत्काल मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान किया गया था। इस प्रस्ताव के समर्थन में 120 देशों ने वोट किया, जबकि 14 देशों ने इसके खिलाफ मतदान किया। 45 देश वोटिंग से गैरहाजिर रहे थे। इस तरह यह प्रस्ताव बड़े अंतर से पास हो गया था। तब भारत ने न तो इस प्रस्ताव के समर्थन में वोट किया था और न ही खिलाफ में। भारत वोटिंग से गैरहाजिर रहा था।

 वहीं, 9 नवंबर को भारत के इजरायल के खिलाफ वोट करने पर टीएमसी के सांसद साकेत गोखले ने खुशी जताई है। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, “मुझे बहुत खुशी है कि भारत गणराज्य ने इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। इज़रायल ने फ़िलिस्तीन में कई बस्तियां बना रखी हैं, जो कि एक अवैध कब्जे की तरह है। इजरायल का रंगभेद अब खत्म होना चाहिए।”

 



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