ट्रंप की सनक ने अमेरिकी लोकतंत्र को दिया कभी नहीं भरने वाला जख्म, गृहयुद्ध के मुहाने पर यूएस


अमेरिकी लोकतंत्र में कैपिटल हिल का खासा महत्व इसलिए है क्योंकि यह अमेरिकी कांग्रेस का मुकाम है। करीब दो शताब्दियों से यहां अमेरिका के दोनों सदनों के चेम्बर हैं और कई ऐतिहासिक फैसले और गतिविधियां यहां की यादों में शुमार रही हैं।


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वाशिंगटन। सुपर पावर कहे जाने वाले अमेरिका के लोकतांत्रिक ढांचे पर अब तक का सबसे बड़ा प्रहार हुआ है। सत्ता हाथ से जाने के बाद डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक कैपिटल हिल के कैंपस में घुस गए। अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति ट्रंप के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हुई। इस दौरान ट्रंप समर्थकों ने फायरिंग कर दी जिससे गोली लगने से एक महिला की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। हालात बेकाबू होता देख अमेरिका की सेना को कैपिटल हिल बुलाना पड़ा।

बिगड़ते हालात को काबू करने के लिए कैपिटल हिल में लॉकडाउन लगा दिया गया है, वहीं, हिंसा कर रहे उपद्रवियों पर आंसू गैस दागी गई। उपद्रवियों के निशाने पर रहे कांग्रेस अधिकारियों को एक गुप्त लेाकेशन पर ले जाया गया। अचानक सुर्खियों में आए वॉशिंग्टन स्थित कैपिटल हिल सबसे बड़ी और घनी बसी जगहों में शुमार है। इसकी प्रसिद्धि अमेरिकी कांग्रेस के कारण रही है।

अमेरिकी लोकतंत्र में कैपिटल हिल का खासा महत्व इसलिए है क्योंकि यह अमेरिकी कांग्रेस का मुकाम है। करीब दो शताब्दियों से यहां अमेरिका के दोनों सदनों के चेम्बर हैं और कई ऐतिहासिक फैसले और गतिविधियां यहां की यादों में शुमार रही हैं। कैपिटल भवन 1793 में शुरू हुआ था लेकिन इसका निर्माण कई चरणों में होता रहा।

 

बाधित हुई इलेक्टोरल वोटों की गिनती
इस पूरे घटनाक्रम के बीच नए राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडन के नाम पर मोहर लगाने की संवैधानिक प्रक्रिया बाधित हुई। कांग्रेस के सदस्य बुधवार को इलेक्टोरल कॉलेज वोटों की गिनती कर रहे थे, इसी दौरान बड़ी संख्या में ट्रंप के समर्थक सुरक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करते हुए कैपिटल परिसर में घुस गए। पुलिस को इन प्रदर्शनकारियों को काबू करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।

इन हालात में प्रतिनिधिसभा और सीनेट तथा पूरे कैपिटल को बंद कर दिया गया। उपराष्ट्रपति माइक पेंस और सांसदों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। बिगड़ते हालात के बीच राष्ट्रीय राजधानी में कर्फ्यू लगा दिया गया। लेकिन बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए सड़कों पर उतर आए। मेयर मुरियल बोसर ने कर्फ्यू की घोषणा कर दी थी।

चार घंटे तक बंधक रही कैपिटल हिल
अधिकारियों ने ट्रंप समर्थकों द्वारा करीब चार घंटे तक की गई हिंसा पर काबू पाने के बाद कहा कि कैपिटल अब सुरक्षित है। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई थी। प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने सहकर्मियों को लिखे एक पत्र में कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने कैपिटल में शांति होने के बाद संयुक्त सत्र आज रात फिर शुरू करने का फैसला किया है।

ट्रंप, जो पहले अपने समर्थकों को बढ़ावा दे रहे थे, हिंसा के बाद उन्होंने उनसे कानून का पालन करने और घर जाने की अपील की। ट्रंप ने एक वीडियो संदेश में कहा था, ‘‘यह चुनाव धोखाधड़ी भरे थे, लेकिन हम ऐसा कुछ नहीं कर सकते, जिससे खुद को नुकसान पहुंचे और दूसरों को फायदा। हमें शांति चाहिए ही चाहिए। इसलिए घर जाएं।’’

 

ट्रंप के सोशल अकाउंट भी सस्पेंड
राष्ट्रपति चुनाव में धांधली संबंधी पोस्ट लगातार करने पर माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट पर बुधवार को 12 घंटे के लिए रोक लगा दी। ट्रंप के इन भड़काऊ बयानों के मद्देनज़र फेसबुक, ट्विटर और इन्स्टाग्राम ने उनका अकाउंट फिलहाल सस्पेंड कर दिया है। ट्विटर ने पहले भी चेतावनी दी थी कि अगर भविष्य में ट्रंप ने नियमों का उल्लंघन किया तो उनके अकाउंट पर स्थायी रूप से रोक लगा दी जाएगी।

निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ही इस हिंसा के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है क्योंकि न सिर्फ उन्होंने समर्थकों से संसद पर चढ़ाई का आह्वान किया था बल्कि ये भी कहा था कि वे किसी भी कीमत पर हार स्वीकार नहीं करेंगे। ये भी खबरें आ रहीं है कि व्हाइट हाउस के कई स्टाफ मेंबर्स ने बीते दिनों ट्रंप की मानसिक स्थिति पर भी सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। ये घटना अमेरिका की इतिहास का कला अध्याय बताया जा रहा है।

अमेरिका की लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला: बाइडन
वहीं, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस पूरी घटना पर कहा कि वह स्तब्ध और काफी दुखी हैं कि अमेरिका को ऐसा दिन देखना पड़ा। बाइडन ने राष्ट्र के नाम एक संबोधन में कहा, ‘‘इस समय, हमारे लोकतंत्र पर अभूतपूर्व हमला हो रहा है। हमने आधुनिक समय में ऐसा कभी नहीं देखा। स्वतंत्रता के गढ़, कैपिटल पर हमला। लोगों का प्रतिनिधित्व करने वालों और कैपिटल हिल पुलिस और लोक सेवक जो हमारे गणतंत्र के मंदिर में काम करते हैं उन पर हमला है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट करना चाहूंगा। कैपिटल में अराजकता का यह दृश्य असल अमेरिका को प्रतिबंबित नहीं करता। हम जो हैं, उसका प्रतिनिधित्व नहीं करता। हम देख रहे हैं, कि थोड़ी सी संख्या में कुछ कट्टरपंथी अराजकता फैला रहे हैं। यह अव्यवस्था है। यह अराजकता है। यह राजद्रोह के समान है। इसका अब अंत होना चाहिए।’’

राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, मैं राष्ट्रपति ट्रंप से अपनी शपथ का मान रखते हुए, राष्ट्रीय टेलीविजन पर जाकर इसके अंत की मांग करते हुए संविधान की रक्षा करने की अपील करता हूं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कायले मैकनेनी ने बताया कि राष्ट्रापति ट्रंप ने ‘नेशनल गार्ड’ और अन्य ‘संघीय सुरक्षा सेवाओं’ को कैपिटल में इन दंगाइयों से निपटने में मदद करने का निर्देश दिया है।

कार्यकारी रक्षा सचिव क्रिस मिलर ने हालांकि कहा कि उन्होंने उप राष्ट्रपति माइक पेंस, सीनेट के नेता मैककोनेल, स्पीकर पेलोसी और सीनेटर शुमर से ‘नेशनल गार्ड’ की तैनाती को लेकर बात की है। उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप का जिक्र नहीं किया। दंगे होने से पहले कांग्रेस 538 ‘इलेक्टोरल वोट’ में से 12 वोट को प्रमाणित कर चुकी थी और यह सभी राष्ट्रपति ट्रंप को मिले थे।



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