सीरिया पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक, भारत ने कहा- अभियानों के लिए बाहरी उकसावे की रिपोर्ट्स चिंताजनक

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मंगलवार को सीरिया पर बंद कमरे में बैठक की थी। जिस दौरान भारत ने अभियानों के लिए बाहरी उकसावे की रिपोर्ट्स को चिंताजनक बताया।

संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मंगलवार को सीरिया पर बंद कमरे में बैठक की थी। जिस दौरान भारत ने कहा कि, युद्ध से जर्जर सीरिया में कट्टरपंथी विचारों से लैस करना, आईएसआईएल द्वारा कोष जमा करने के नए तरीके, प्रशिक्षण एवं अभियानों के लिए बाहरी उकसाव की रिपोर्टें गंभीर चिंता का विषय हैं। साथ में यह भी रेखांकित किया कि राजनीतिक घटनाक्रम को बाहरी कारकों द्वारा सीरियाई संप्रभुता के उल्लंघन से अलग नहीं किया जा सकता है।

बैठक के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरूमूर्ति ने एक ट्वीट कर कहा कि राजनीतिक घटनाक्रम को बाहरी कारकों द्वारा सीरियाई संप्रभुता के उल्लंघन से अलग नहीं किया जा सकता है जो राजनीतिक समझौते के लिए आपसी विश्वास की कमी का कारण है। उन्होंने चेताया कि यह आतंकवाद को भड़काएगा।

अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए आईएसआईएल (दायश) द्वारा खतरा पर महासचिव की 12वीं रिपोर्ट का हवाला देते हुए तिरूमूर्ति ने कहा कि रिपोर्ट कहती है कि उत्तर पश्चिम सीरिया में आईएसआईएल के 11,000 लड़ाके हैं।

तिरूमूर्ति ने कहा कि कट्टरपंथी विचारों से लैस करना, आईएसआईएल द्वारा कोष इकट्ठा करने के नए तरीके और अभियानों के लिए बाहरी उकसावे की रिपोर्टें चिंता का गंभीर विषय है। सभी पक्षों को आतंकवाद से लड़ने के दायित्व का पालन करना चाहिए।

रिपोर्ट कहती है कि उत्तर-पूर्वी सीरिया में आईएसआईएल के 11,000 पुरुष लड़ाके हैं जिनमें पांच हज़ार सीरिया के, 1600 इराक के, 1700 विदेशी आतंकी हैं। करीब 2500 ऐसे लड़ाके हैं जिनकी राष्ट्रीयता की जानकारी नहीं है।

सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गेर पेडरसेन ने कहा कि अगर शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाना है तो रचनात्मक अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की जरूरत है। मानवीय मामलों पर समन्वय के संयुक्त राष्ट्र दफ्तर (ओसीएचए) ने अनुमान जताया है कि सीरिया की करीब 80 प्रतिशत आबादी गरीबी में रह रही है।

First Published on: February 10, 2021 3:26 PM
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