
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार (3 अगस्त, 2025) को भारत समेत कई देशों पर लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें यह कई साल पहले कर देना चाहिए था। ट्रंप ने जोर देकर कहा कि अमेरिका देश में आने वाले सैकड़ों अरब डॉलर से अपना कर्ज चुकाएगा।
ट्रंप ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘हम कर्ज चुकाने जा रहे हैं। हमारे पास बहुत सारा पैसा आ रहा है- देश में अब तक आए धन से कहीं ज्यादा। हम जो करने जा रहे हैं, उनमें से एक है कर्ज कम करना। हमें यह कई साल पहले कर लेना चाहिए था। मैंने चीन के साथ अपने पहले कार्यकाल के दौरान ऐसा किया था। कोविड के कारण हम बाकी काम नहीं कर पाए।’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘मैं किसी तरह का दबाव नहीं चाहता, मैं निष्पक्षता चाहता हूं। हम जहां भी और जितना हो सके, पारस्परिक लाभ चाहते हैं। कभी-कभी, यह उनके लिए बहुत ज्यादा हो जाता है। यह एक बहुत बड़ी राशि होगी और मैं बस इतना ही कह सकता हूं, हमारा देश सैकड़ों अरब डॉलर कमाएगा।’
ट्रंप ने इस साल जनवरी में अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी और व्हाइट हाउस में दूसरी बार वापसी की थी। उन्होंने अमेरिका के पुराने ग्लोबल इकोनॉमिक ऑर्डर को खत्म कर दिया। ट्रंप ने उन देशों को दंडित करने का फैसला किया, जो एकतरफा टैरिफ लगा रहे थे और जो देश रेसिप्रोकल टैरिफ से सहमत हुए उनसे भारी रियायतें हासिल कीं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने 2 अप्रैल को उन देशों से आयात पर 50 फीसदी रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया, जिनके साथ अमेरिका का व्यापार घाटा था। इसके साथ ही सभी देशों पर 10 फीसदी का बेसलाइन टैरिफ लगाया। उन्होंने व्यापार घाटे को राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने के लिए 1977 के एक कानून का हवाला दिया, जिसने उनके व्यापक आयात करों को उचित ठहराया। इस घोषणा के बाद जब बवाल मचा तो उन्होंने देशों को बातचीत का मौका देने के लिए रेसिप्रोकल टैरिफ को 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया। आखिरकार, कुछ देशों ने ट्रंप की मांगों के आगे घुटने टेक दिए। जिन देशों ने ऐसा नहीं किया, उन्हें टैरिफ से अधिक नुकसान उठाना पड़ा।
ट्रंप ने 69 देशों पर 10 से लेकर 50 परसेंट तक टैरिफ लगाए। इनमें सीरिया पर 41 परसेंट, कनाडा पर 35 परसेंट, ब्राजील पर 50 परसेंट, भारत पर 25 परसेंट, स्विट्जरलैंड पर 39 परसेंट और ताइवान पर 20 परसेंट। अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान पर पहले 29 फीसदी टैरिफ लगाया था, जोकि बाद तेल डील होने के बाद 19 फीसदी कर दिया।