एन डी तिवारी और रोहित शेखर के बीच के सम्बन्ध का क्या है कच्चा चिट्ठा ?


90 के दशक तक उत्तर प्रदेश की सियासत में बड़ा कद रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का राजनीतिक सफर यूँ तो काफी अच्छा रहा लेकिन जिंदगी के कुछ आखिरी पड़ावों में उनके भूतकाल ने उन्हें खूब सताया.


नागरिक न्यूज ऑनलाइन नागरिक न्यूज ऑनलाइन
देश Updated On :

90 के दशक तक उत्तर प्रदेश की सियासत में बड़ा कद रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का राजनीतिक सफर यूँ तो काफी अच्छा रहा लेकिन जिंदगी के कुछ आखिरी पड़ावों में उनके भूतकाल ने उन्हें खूब सताया. राजनीति से परे उनके निजी जीवन में कई उतार चड़ाव आए लेकिन 40 साल पहले के उनके कर्मों का फल उन्हें 2008 में मिला. हमारी ख़ास सीरीज ‘कच्चा चिटठा’ की इस रिपोर्ट में हम आपको जवानी के दिनों में अपनी रंगीनमिजाजी के लिए मशहूर एनडी तिवारी के उज्ज्वला देवी प्रकरण की क्रोनोलोजी बताएंगे 

2008 में उत्तरप्रदेश की राजनीति में 2 वजहों से हलचल मच गई थी. पहली, राज्य में मायावती की बसपा सत्तारूढ़ मुलायम सिंह यादव की सपा पर भारी पडती हुई नजर आई दूसरी एन डी तिवारी पर रोहित शेखर नाम के एक शख्स का पितृत्व का मुकदमा ठोकना..उज्ज्वला सिंह और रोहित शेखर का कहना था कि उन्हें ज़मीन जायदाद का कोई लालच नहीं, बस एन डी तिवारी ये स्वीकार कर लें रोहित शेखर उनका ही बेटा है. लेकिन एन डी तिवारी ने ऐसा नहीं किया. इसके बाद जब हाई कोर्ट ने डी एन ए टेस्ट कराने के आदेश दिए तो टेस्ट के परिणामों ने दूध का दूध और पानी का पानी हो गया. क्या परिणाम आया इससे पहले ये जानना बेहद ज़रूरी है ये पूरी कहानी शुरू कहाँ से हुई.

1968 में हुई थी पहली मुलाकात

रोहित शेखर की मां उज्‍ज्‍वला शर्मा की तिवारी से पहली मुलाकात 1968 में अपने पिता के घर 3, कृष्ण मेनन मार्ग पर हुई थी तब वह उम्र के तीसरे दशक में थीं. उस वक्त तिवारी युवा कांग्रेस के अध्यक्ष थे और उज्ज्वला दिल्ली विवि में संस्कृत पढ़ाती थीं. यह नाजुक युवा लड़की तिवारी की निगाह में आ गई. उज्‍ज्‍वला के पिता प्रो. शेर सिंह अविभाजित पंजाब में प्रताप सिंह कैरों के मुख्यमंत्रित्व काल में उप-मंत्री रहे थे.

1977 में संबंधों में करीबी आई : 
एक समाचार चैनल को इंटरव्यू देते हुए वो कहती हैं,”धीरे-धीरे हमारा परिचय बढ़ा और उनके प्रणय निवेदन शुरू हो गए.” उन्होंने कहा, ”तुम एकाकी जीवन जी रही हो. और तुम्हें एक साथी की ज़रूरत है. अंततः 1977 में मैं उनके साथ अंतरंग संबंध बनाने को तैयार हुई, जिसके लिए वे पिछले 6-7 साल से कोशिश कर रहे थे.”

2008 में सामने आया मामला

मामले की शुरुआत 2008 में हुई जब एनडी तिवारी के खिलाफ रोहित पहली बार अदालत की शरण में गए जहां उन्होंने दावा किया कि वो पूर्व कांग्रेस नेता और अपनी मां उज्जवला शर्मा के पुत्र हैं. तिवारी ने दिल्ली हाईकोर्ट में इस केस को खारिज करने की अर्जी भी कोर्ट में दायर की जिसे मार्च, 2010 में खारिज कर दिया गया.

हाईकोर्ट ने 23 दिसंबर, 2010 को इस दावे की सच्चाई का पता लगाने के लिए डीएनए टेस्ट कराने का आदेश दिया. एनडी तिवारी को कोर्ट की सख्ती के बाद 29 मई 2011 को डीएनए जांच के लिए अपना खून देना पड़ा. इस डीएनए जांच की रिपोर्ट 27 जुलाई 2012 को दिल्ली हाईकोर्ट में खोली गई. लेकिन तिवारी की ओर से कोर्ट में यह अपील भी दायर की गई कि रिपोर्ट को सार्वजनिक न की जाए, लेकिन कोर्ट ने उनकी यह अपील नहीं मानी और रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि तिवारी रोहित के जैविक पिता हैं और उज्जवला जैविक माता.

2014 में रोहित को माना बेटा

6 साल चले पितृत्व केस हारने के बाद 3 मार्च, 2014 को नारायण दत्त तिवारी ने रोहित शेखर को अपना बेटा स्वीकार कर लिया. तब उन्होंने कहा, ‘मैंने स्वीकार कर लिया है कि रोहित शेखर मेरा बेटा है. डीएनए रिपोर्ट ने भी यह साबित किया है कि वो मेरा जैविक बेटा है.’ इस पर उनके बेटे रोहित ने भी प्रतिक्रिया दी, ‘मैं अचंभित हूं कि एनडी तिवारी ने अंततः मुझे अपना बेटा स्वीकार लिया है.’ कोर्ट की ओर से रोहित को एनडी तिवारी का जैविक पिता माने जाने के बाद एन डी तिवारी ने इस मामले में मीडिया से उनकी निजता को बनाए रखने की गुजारिश की.

 88 साल की उम्र में की शादी

लेकिन यह भी दीगर है कि उन्होंने रोहित को अपना बेटा तब माना जब हाईकोर्ट की ओर से मध्यस्थता की गुजारिश खारिज कर दी गई. साथ ही रोहित की मां उज्ज्वला शर्मा ने भी इस मामले में मध्यस्थता की गुजारिश को यह कहते हुए नकार दिया था कि यह उनकी प्रॉपर्टी से जुड़ा मामला नहीं बल्कि केवल इतना है कि रोहित उनका बेटा है. उज्ज्वला शर्मा ने कहा, ‘डीएनए रिपार्ट ने यह साबित कर दिया था कि वो ही रोहित के पिता हैं. वो तभी इस पर बीच का रास्ता निकाल सकते थे लेकिन वो कोर्ट चले गए.’ डीएनए रिपोर्ट आने के 2 साल के अंदर 14 मई, 2014 को एनडी तिवारी ने लखनऊ में रोहित की मां उज्ज्वला के साथ शादी कर ली. विवाह के समय उनकी उम्र 88 साल थी.

सेक्स सीडी में भी फंस चुके हैं 

इससे पहले 2009 में टीवी पर एनडी तिवारी की एक कथित सेक्स सीडी सामने आई, जिसने पूरे देश की राजनीति में भूचाल ला दिया. हर तरफ उसकी चर्चा होने लगी. उस सीडी में तिवारी तीन महिलाओं संग आपत्तिजनक स्थिति में दिख रहे थे. उस वीडियो क्लिप को तेलुगू चैनल ने प्रसारित किया था. इस सीडी के सियासत ने ऐसा रंग दिखाया कि उन्हें आंध्र प्रदेश राज्यपाल पद से इस्तीफा देकर वापस लौटना पड़ा.



Related