पटना।बिहार राज्य भले गरीब माना जाए पर इस राज्य के विधि-विधान बनाने वाले जन-प्रतिनिधियों में तीन चौथाई से ज्यादा (81प्रतिशत) करोड़पति हैं। नव गठित विधानसभा में नौ विधायक ऐसे हैं जिनपर हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज है। विधानसभा की इस संरचना पर चाहे जितनी चिंता जताएं, पर राजनीति में बाहुबल और धनबल की धमक लगातार बढ़ती जा रही है।
एसोसिएशन फॉर डिमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ताजा रिपोर्ट के अनुसार नई विधानसभा के नौ विधायकों पर हत्या का मामला दर्ज है और 31 विधायकों पर हत्या की कोशिश के आरोप में प्राथमिकी दर्ज हैं। आठ विधायकों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध का मामला दर्ज है। रिपोर्ट के अनुसार 2015 कमें जीते 243 विधायकों में से 142 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे। इस बार 152 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।
करोड़पति विधायकों में सर्वाधिक भाजपा के हैं। 241 विधायकों में से 241 के हलफनामे का विश्लेषण करने पर पता चला है कि इनमें से 194 करोड़पति हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के 73 में से 65, राजद के 74 में से 64, जदयू के 43 में से 38 और कांग्रेस के 19 में 14 विधायक करोड़पति हैं। नव निर्वाचित विधायकों की औसत संपत्ति 4.32 करोड़ हैं। 2015 में निर्वाचित विधायकों की औसत संपत्ति 3.15 करोड़ थी उन 243 विधायकों में 67 प्रतिशत करोड़पति थे।
नई सरकार के मंत्रियों की स्थिति इससे भी खराब है। मंत्रियों में 93 प्रतिशत करोड़पति हैं। इन करोड़पति मंत्रियों से गरीबों के कल्याण का काम कितना होगा, यह तो समय बताएगा, पर पहली नजर में नाउम्मीदी के जगती है। पहले चरण में शपथ लेने वाले 15 मंत्रियों मे से 14 के शपथपत्र के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से 13 मंत्री करोड़पति हैं। इनमें मेवालाल चौधरी के पास सबसे अधिक 12.31 करोड़ की संपत्ति है।
पहले से भ्रष्टाचार के मामले में आरोपित होने की वजह से मेवालाल चौधरी को पदभार संभालने के तीन घंटे के भीतर इस्तीफा देना पड़ा। सबसे कम संपत्ति अशोक चौधरी के पास है। उनके पास 72.89 लाख रुपए की संपत्ति है। योग्यता के मामले में मंत्रियों में काफी विविधता है। इनमें चार मंत्रियों ने 8 वीं से 12 वीं तक शिक्षा प्राप्त की है। मुकेश साहनी केवल 8 वीं पास हैं।
करोड़पति मंत्री-विधायक वाले इस राज्य के आम लोगों की प्रति व्यक्ति आय वर्तमान मूल्य पर मात्र 47 हजार 541 रुपए प्रति वर्ष है। राज्य की गरीबी दर 33.74 प्रतिशत है और बेरोजगारी दर अक्टूबर 2020 में 9.8 प्रतिशत थी।