भूख पर व्यापार करने की इजाजत नहीं दी जा सकती, MSP पर कानून जरूरी: टिकैत

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गाजियाबाद। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश में भूख पर व्यापार करने की इजाजत नहीं दी जा सकती, इसके साथ ही उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर कानून बनाने और नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग दोहराई। भाकियू के प्रवक्ता ने यह टिप्पणी राज्य सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के तुरंत बाद की।

टिकैत ने संवाददाताओं से कहा, देश में भूख पे व्यापार नहीं होगा। भूख जितनी लगेगी अनाज की कीमत उतनी होगी। देश में भूख से व्यापार करने वालों को बाहर निकाला जाएगा। उन्होंने कहा, जिस तरह विमानों के टिकटों की कीमत दिन में तीन से चार बार बदलती है, उस तरीके से फसल की कीमत तय नहीं की जा सकती।

प्रधानमंत्री ने कहा था कि एक ‘‘नया समुदाय’’ उभरा है जो ‘‘प्रदर्शनों में लिप्त’’ है। इस पर टिप्पणी करते हुए टिकैत ने कहा, ‘‘हां, इस बार यह किसान समुदाय है जो उभरा है और लोग किसानों का समर्थन कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि नए कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने यह रेखांकित किया है कि एमएसपी को लेकर कोई कानून नहीं है जिसकी वजह से व्यवसायी कम कीमतों पर उनकी उपज खरीदकर उन्हें लूटते हैं।

उन्होंने किसानों के जारी आंदोलन को जाति और धर्म के आधार पर बांटने के प्रयासों की भी निंदा की। कहा, ‘‘इस अभियान को पहले पंजाब के मुद्दे के रूप में दर्शाया गया, उसके बाद सिख और फिर जाट मुद्दे के रूप में इसे पेश किया गया। इस देश के किसान एकजुट हैं। कोई भी किसान बड़ा या छोटा नहीं है। यह अभियान सभी किसानों का है।’’

इससे पहले, राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, ‘‘एमएसपी है, एसएसपी था और एमएसपी रहेगा।’’ उन्होंने आगे कहा था, ‘‘गरीबों को सस्ता राशन मिलना जारी रहेगा, मंडियों का आधुनिकीकरण किया जाएगा।’’

किसान संघों को प्रधानमंत्री द्वारा वार्ता का आमंत्रण देने के बारे में सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान संघ सरकार के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है लेकिन यह औपचारिक रास्ते से होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘उचित वार्ता के जरिए कोई भी मुद्दा सुलझाया जा सकता है। वार्ता बहाल करने के लिए हम सैद्धांतिक रूप से तैयार हैं।



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