FARMER’S AGITATION : किसान आज कर रहे हैं रेल रोको आंदोलन, कई ट्रेनें रद्द, रेलवे ने की खास तैयारी


कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के रेल रोको अभियान पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, ‘यह अभियान दोपहर 12 बजे शुरू होगा और दोपहर 3-4 बजे तक चलेगा। यह शांति से किया जाएगा। हम लोगों को पानी, दूध, लस्सी और फल देंगे। हम उन्हें अपने मुद्दे बताएंगे।


बबली कुमारी बबली कुमारी
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कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर रैली, चक्का जाम के बाद आज किसान रेल रोको आंदोलन कर रहे हैं, इसके चलते देशभर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। किसानों के रेल रोको अभियान के मद्देनजर रेलवे ने पंजाब, हरियाणा, यूपी, पश्चिम बंगाल पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही रेलवे ने भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया है।

कृषि कानूनों के खिलाफ आज संयुक्त किसान मोर्चा दोपहर 12 से लेकर शाम 4 बजे तक देशव्यापी रेल रोको आंदोलन करेगा। इस दौरान देशभर में हजारों किसान रेल की पटरियों पर बैठेंगे। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत इसे रेल रोको नहीं बल्कि रेल खोलो आंदोलन बता रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘हम तो रेल चलाएंगे। पिछले 8 महीने से रेल रोक रखी है, देश की जनता दुखी है। जो एकाध ट्रेन आती है उस पर हम माला डाल देंगे और लोगों से पूछ लेंगे कि क्या परेशानी है। सरकार ने सबकुछ पटरी से उतार रखा है। फरवरी-मार्च से लेकर अब तक सबकुछ पटरी से उतर चुका है, इसीलिए रेल चलनी चाहिए।’

इंडियन रेलवे ने इस आंदोलन को देखते हुए कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है, वहीं कुछ के रूट में परिवर्तन किया है। आज ट्रेन से यात्रा के लिए निकलने वाले यात्रियों को अपने ट्रेन की स्थिति को देखकर निकलना होगा।


वहीं, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी (पंजाब) ने पंजाब में 32 जगह ट्रेन रोकने का एलान किया है। सिंघु बार्डर पर कमेटी के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने मंच से संबोधित करते हुए प्रदर्शनकारियों को कहा, ’32 जत्थेबंदियां पंजाब में 32 जगह रेल रोकेंगी। गांवों में भी फोन कर दो कि लोग पत्नी, बच्चों को साथ लेकर ज्यादा से ज्यादा संख्या में रेल रोकने को पहुंचे। जो भी स्टेशन उनके पास पड़ता है, वह वहां जरूर जाएं।’

पन्नू ने कहा कि आने वाले दिनों में आंदोलन तेज किया जाएगा। 25 फरवरी को तरनतारन में रैली होगी। इसके बाद कपूरथला, जालंधर, मोगा आदि स्थानों पर रैली निकाली जाएगी।

तैनात किए गए RPSF  के 20 हजार अतिरिक्त जवान

रेलवे स्टेशनों और रेल पटरियों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। रेलवे सुरक्षा विशेष बल (आरपीएसएफ) के लगभग 20 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है। जरूरत पड़ने पर प्रभावित इलाकों में रेल संचालन बंद कर दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक कोशिश रहेगी कि बड़े स्टेशनों पर ट्रेनों को रोका जाए, जिससे यात्रियों को भोजन व अन्य जरूरी सामान आसानी से उपलब्ध हो सके। रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक अरुण कुमार ने बताया कि पंजाब, हरियाणा, उप्र व बंगाल सहित कुछ अन्य इलाकों में आरपीएसएफ के अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है। खुफिया रिपोर्ट ली जा रही है और उसी के अनुसार कदम उठाए जा रहे हैं। आरपीएफ संबंधित राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही है।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर गौतमबुद्धनगर में किसान दनकौर रेलवे स्टेशन पर रेल रोकेंगे। सभी किसानों से सुबह 11 बजे दनकौर रेलवे स्टेशन पर पहुंच कर रेल रोकने के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कहा गया है। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष अनित कसाना ने बताया कि जब तक केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी तब तक देश भर में आंदोलन चलता रहेगा।

किसान मजदूर संघर्ष समिति के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू, महांसचिव स्वर्ण सिंह पंधेर, जसबीर सिंह पिद्दी, गुरलाल सिंह पंडोरी, रण सिंह ने कहा कि रेल रोको आंदोलन के तहत पंजाब के 11 जिलों में 32 स्थानों पर ट्रेन के पटरी पर किसान बैठेंगे।

दिल्ली-जयपुर हाइवे स्थित रेवाड़ी सीमा के साथ लगते जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर पर बैठे किसानों ने फैसला किया है कि वे राजस्थान व हरियाणा सीमा स्थित अजरका रेलवे स्टेशन पर जाएंगे। वहां हरियाणा-राजस्थान के किसान दिल्ली-जयपुर रेलमार्ग को जाम करेंगे। इस दौरान कई ट्रेनें प्रभावित हो सकती हैं।

आपको बता दें हजारों किसान पिछले करीब तीन महीने से दिल्‍ली की सीमाओं पर धरना दे रहे हैं। वे केंद्र सरकार की पिछले साल लाए गए तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। सरकार के साथ आंदोलनकारी नेताओं की 11 दौर की बातचीत बेनतीजा रही है।

सरकार ने किसान यूनियनों को नए कृषि कानूनों के अमल पर 18 महीने तक रोक लगाने का प्रस्‍ताव दिया था। इसके अलावा उनकी मांगों से संबंधित मसलों का हल तलाशने के लिए एक कमेटी का भी सुझाव था लेकिन आंदोलनकारी किसान संगठन तीनों कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े हुए हैं।