मातृ, नवजात संबंधी सेवाओं के लिए कोविड-19 जांच अनिवार्य नहीं : स्वास्थ्य मंत्रालय


मंत्रालय ने बुधवार को ‘कोविड-19 महामारी के दौरान और बाद में प्रजनन, मातृ, नवजात शिशु, बाल एवं किशोर स्वास्थ्य तथा पोषण सेवाओं संबंधी प्रावधानों पर मार्गदर्शक नोट’ जारी किया। इसमें कहा कि महिलाओं, बच्चों और किशोरों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाई जाएं चाहे उनकी कोविड-19 संबंधी स्थिति कुछ भी हो।



नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि निषिद्ध क्षेत्रों और बफर जोन में प्रजनन, मातृ, नवजात शिशु, बाल और किशोर स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक सेवाएं सीमित तरीके से जारी रहनी चाहिए। साथ ही उसने कहा कि ये सेवाएं देने के लिए कोविड-19 की जांच करवाने की आवश्यकता नहीं है।

मंत्रालय ने यह भी कहा कि जहां तक संभव हो जच्चा-बच्चा की देख-रेख साथ होनी चाहिए और कोविड-19 संबंधी स्थिति चाहे जो भी हो, प्रसव के एक घंटे के भीतर नवजात को स्तनपान करवाया जाना चाहिए। इसमें कहा गया कि मां को फेस मास्क पहनना होगा और बच्चे को स्तनपान करवाने से पहले हाथों की अच्छी तरह से सफाई करनी होगी।

मंत्रालय ने बुधवार को ‘कोविड-19 महामारी के दौरान और बाद में प्रजनन, मातृ, नवजात शिशु, बाल एवं किशोर स्वास्थ्य तथा पोषण सेवाओं (आरएमएनसीएएच+एन) संबंधी प्रावधानों पर मार्गदर्शक नोट’ जारी किया। इसमें कहा कि महिलाओं, बच्चों और किशोरों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाई जाएं चाहे उनकी कोविड-19 संबंधी स्थिति कुछ भी हो।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘किसी भी स्थिति में उन्हें आवश्यक सेवाएं उपलब्ध करवाने से इनकार नहीं किया जाना चाहिए।’’

मंत्रालय ने कहा, ‘‘आरएमएनसीएएच+एन सेवाओं के लिए कोविड-19 जांच अनिवार्य नहीं है। आईसीएमआर के जांच संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए।’’



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