
वाराणसी। भगीरथ की तपस्या के बाद गंगा ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी को धरती पर अवरित हुईं, इस मान्यता से आज गंगा दशहरा मनाया जाता है। कोरोना महामारी के कारण वाराणसी में आज निषेधाज्ञ लागू है जिसको ध्यान में रखते हुए श्रद्धालुओं को घाटों पर स्नान के लिए जाने की मनाही है। इससे काशी के गंगा घाटों पर सन्नाटा पसरा रहा। सुबह की आरती जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ होती थी। वह आज सन्नाटे में हुई। प्रशासन के आदेश पर यहां चारों तरफ पुलिस और स्पेशल फ़ोर्स का पहरा है।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने एक दिन पहले ही धारा 144 के अनुपालन का आदेश दिया है। इससे वाराणसी का दशाश्वमेध घाट गंगा दशहरे पर इतना शांत रहा। प्रातःकालीन आरती कर रहे गंगा सेवा निधि के एक पुजारी ने बताया, आज बहुत महत्वपूर्ण दिन है। आज भागीरथी के प्रयासों से मां गंगा धरती पर अवतरित हुई। इन दिनों कोविड-19 की वजह से जो नियम सरकार ने बनाया है उसके अनुरूप आरती हुई है और कोई भी व्यक्ति यहाँ उपस्थित नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा, आरती के समय हमने मां गंगा से यही प्रार्थना की कि इस वैश्विक महामारी से सभी को मुक्ति मिले और एक बार फिर सभी मां गंगा के अवतरण दिवस पर भारी संख्या में घाटों पर लोगों की उपस्थित हो। उन्होंने बताया कि आज प्रातःकालीन और संध्या कालीन सभी आयोजनों को निरस्त किया गया है।