प्रधानमंत्री ने ऑक्सीजन उपलब्धता, आपूर्ति को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में ऑक्सीजन की उपलब्धता और इसकी आपूर्ति को लेकर बृहस्पतिवार को एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की और शीर्ष अधिकारियों से ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने, उसके वितरण की गति तेज करने और अस्‍पतालों में उसके उपयोग के नये तरीकों का पता लगाने की जरूरत पर बल देने को कहा।

इस दौरान, प्रधानमंत्री ने राज्‍यों से ऑक्सीजन की जमाखोरी करने वालों के खि‍लाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा और उन्हें निर्बाध और बगैर किसी परेशानी के ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से जारी एक बयान के मुताबिक इस बैठक में ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाए जाने के रास्तों और विकल्पों पर चर्चा की। इस दौरान अधिकारियों ने पिछले कुछ सप्ताहों में ऑक्सीन की आपूर्ति बेहतर करने की दिशा में उठाए गए कदमों से प्रधानमंत्री को अवगत कराया।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘‘आज की उच्च स्तरीय बैठक में हमने ऑक्सीजन की आपूर्ति की स्थिति और आने वाले दिनों में ऑक्सीजन की उपलब्धता को और मजबूत करने के रास्तों की समीक्षा की।’’

देश भर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों और इसके मद्देनजर ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को देखते हुए बैठक मे ऑक्‍सीजन का उत्‍पादन और आपूर्ति बढाने के विभिन्‍न तौर तरीकों का पता लगाने पर भी चर्चा हुई।

बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री को बताया गया कि राज्यों की ऑक्सीजन की मांग और उसके अनुसार उसकी पर्याप्त आपूर्ति के लिए सभी राज्य सरकारों के साथ सहयोग किया जा रहा है।प्रधानमंत्री को यह भी बताया गया कि कैसे राज्यों की ऑक्सीजन की मांग तेजी से बढ़ रही है।

बयान के मुताबिक 20 राज्यों की ओर से प्रतिदिन 6785 मीट्रिक टन तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन की वर्तमान मांग के मुकाबले 21 अप्रैल से उन्हें 6822 मीट्रिक टन प्रतिदिन आवंटित की जा रही है।

बैठक के दौरान बताया गया कि पिछले कुछ दिनों में मरीजों के इलाज में उपयोग होने वाले ऑक्सीजन की उपलब्धता में रोजाना 3300 मीट्रिक टन की वृद्धि हुई है और यह अतिरिक्त ऑक्सीजन निजी और सरकारी इस्पात संयंत्रों, उद्योगों, ऑक्सीजन उत्पादकों का योगदान शामिल है। गैर-आवश्यक उद्योगों की ऑक्सीजन आपूर्ति पर रोक लगाकर भी ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाई गई है।

मोदी ने कहा कि राज्यों को ऑक्सीजन की जमाखोरी करने के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए परिवहन के तेज विकल्प सुनिश्चित करने को कहा।

उन्‍होंने ऑक्सीजन की आपूर्ति में किसी तरह का व्‍यवधान उत्‍पन्‍न होने पर स्‍थानीय प्रशासन की जिम्‍मेदारी तय करने की आवश्‍यकता पर भी जोर दिया। बयान में कहा गया कि ऑक्सीजन से भरे टैंकरों के जल्द परिवहन के लिए रेलवे का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

बयान में कहा गया कि ऑक्सीजन की आपूर्ति बढाने के साथ ही टैंकरों के आयात और विमानों से टैंकरों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने और उनका उत्‍पादन बढाने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।

बैठक में ऑक्‍सीजन टैंकरों को तेज रफ्तार से बिना रूके एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान को भेजने के बारे में भी चर्चा हुई।

बयान में कहा गया कि 105 मीट्रिक टन क्षमता वाली ऑक्‍सीजन टैंकरों की पहली मालगाडी मुंबई से विशाखापतनम पहुंच गई है। खाली ऑक्‍सीजन टैंकरों को ऑक्‍सीजन आपूर्तिकर्ताओं को विमानों से भी भेजा जा रहा है ताकि परिवहन में लगने वाले समय बचे।

बैठक में कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव, गृह सचिव, स्वास्थ्य सहित अन्य मंत्रालयों और विभागों तथा नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।