निलंबित महापौर के पति का वीडियो वायरल, पेमेंट के एवज में कमीशन मांगने का आरोप

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राजस्थान Updated On :

जयपुर। राजस्थान में वायरल हुए एक वीडियो में जयपुर ग्रेटर नगर निगम की निलंबित महापौर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर कथित तौर पर एक कंपनी को निगम की ओर से भुगतान की एवज में 10 प्रतिशत कमीशन पर बातचीत करते दिखाई दिए हैं। इसके बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बृहस्पतिवार को प्रारंभिक जांच की एक शिकायत दर्ज की है।

मामला घर-घर कचरा संग्रहण में लगी बीवीजी कंपनी के भुगतान का है। नगर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर और निगम के आयुक्त यज्ञमिश्र सिंह देव के बीच तकरार के पीछे मुख्य कारण भुगतान ही था।

पिछले सप्ताह महापौर सौम्या गुर्जर के कक्ष में एक बैठक के दौरान कुछ पार्षदों द्वारा निगम के आयुक्त के साथ कथित तौर पर मारपीट की गई थी, जिसके बाद महापौर और तीन पार्षदों को अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार और गालीगलोच के आरोप में निलंबित कर दिया गया था।

बृहस्पतिवार को वायरल हुए वीडियो में कोई व्यक्ति जाहिर तौर पर बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि के रूप में कंपनी को 270 करोड़ रूपये का भुगतान जारी कराने की एवज में राजाराम को 10 प्रतिशत कमीशन की पेशकश करते हुए सुनायी दे रहा हैं। वीडियो अप्रैल में बनाया गया है। इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं की गई है।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक बीएल सोनी ने बताया कि मामलें के एक प्रारंभिक जांच दर्ज की गई है। ब्यूरो में एफआईआर पंजीकृत होने से पूर्व सत्यापन के लिये प्रारंभिक जांच दर्ज की जाती है। बीवीजी इंडिया लिमिटेड ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि कंपनी नगर निगम के भुगतान संबंधी ऐसी किसी बातचीत में शामिल नहीं हैं।

कंपनी का दावा है कि इस वीडियो में दिखाई जा रही चर्चा सीएसआर फंड के तहत प्रताप गौरव केन्द्र को दिए जाने वाले सहयोग के बारे में हैं। उसी दौरान हुई बातचीत को गलत संदर्भ में जोड़ा जा रहा है। जयपुर परियोजना के प्रमुख ओंकार सप्रे ने कहा, हमारा इस दौरान किसी संस्था या संस्था से जुड़े व्यक्ति के साथ लेन देन की कोई बात ना हुई ना कोई लेन देन हुआ।

भाजपा नेताओं ने राजाराम गुर्जर का बचाव करते हुए कहा कथित वीडियो झूठा है। जयपुर सांसद रामचरण बोहरा सहित भाजपा नेताओं ने एक संयुक्त बयान में वायरल वीडियो की निंदा करते हुए कहा कि कांग्रेस की इस कुटिल चाल को राजस्थान की जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी।