रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब तक लगभग 3.75 लाख प्रवासी मजदूर और अन्य लोग वापस लौट चुके हैं।
अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के कारण देश के अन्य राज्यों में छत्तीसगढ़ के लाखों मजदूर और अन्य लोग फंसे हुए थे। राज्य सरकार द्वारा इन श्रमिकों को श्रमिक स्पेशल ट्रेनों, बसों और अन्य माध्यमों से सकुशल छत्तीसगढ़ वापस लाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने अन्य राज्यों से श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के लिए अब तक चार करोड़ 16 लाख रुपए रेल और बसों पर खर्च किया हैं। इसके अलावा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा श्रमिकों को राहत पहुंचाने के लिए जिलों को 18 करोड़ 20 लाख रुपए और स्वास्थ्य विभाग को 75 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं।
राज्य के श्रम मंत्री शिवकुमार डहरिया ने बताया कि श्रम विभाग के अधिकारियों का दल गठित कर विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं, नियोजकों और प्रबंधकों से समन्वय कर श्रमिकों के लिए राशन तथा नकद आदि की व्यवस्था भी की जा रही है। वहीं लॉकडाउन के द्वितीय चरण में 21 अप्रैल से शासन द्वारा छूट प्रदत्त गतिविधियों और औद्योगिक क्षेत्रों में 1464 छोटे-बड़े कारखानों को फिर से प्रारंभ कर लगभग एक लाख आठ हजार 158 श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
डहरिया ने बताया कि अन्य राज्यों से वापस लौटे इन प्रवासी श्रमिकों को राज्य शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य प्रारंभ कर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत रोजगार दिया जा रहा है। ऐसे प्रवासी श्रमिक जिनका मनरेगा के तहत जॉब कार्ड नहीं बना है, उनका भी जॉब कार्ड बनाकर रोजगार देने का प्रावधान किया गया है। उन्हें निःशुल्क राशन भी दिया जा रहा है। मंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों और अन्य लोगों की वापसी के लिए ऑनलाइन पंजीयन की व्यवस्था की गई है।
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