
धारवाड़। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने शनिवार को कहा कि धर्मांतरण बंद होना चाहिए और धर्म बदलने वालों को इसकी घोषणा करनी चाहिए।
संघ ने कहा कि अगर कोई धर्मांतरण विरोधी विधेयक पारित होता है तो वह उसका स्वागत करेगा।
आरएसएस के सरकार्यवाह (महासचिव) दत्तात्रेय होसबाले ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘धर्मांतरण को रोका जाना चाहिए और जिन लोगों ने धर्म परिवर्तन किया है, उन्हें घोषणा करनी होगी कि उन्होंने धर्मांतरण किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे लोग हैं जो धर्म बदल लेते हैं और यह खुलासा नहीं करते हैं कि उन्होंने धर्म परिवर्तन कर लिया है। दोहरा लाभ लेते हैं।’’
वह यहां संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल (एबीकेएम) की बैठक के समापन पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। धर्मांतरण विरोधी कानून पर आरएसएस के रुख पर एक सवाल का जवाब देते हुए, होसबाले ने कहा, ‘‘अल्पसंख्यक इसका विरोध क्यों कर रहे हैं, यह एक खुला रहस्य है। किसी भी तरीके से संख्या बढ़ाना, धोखाधड़ी या ऐसे अन्य तरीकों को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।’’
उन्होंने कहा कि न केवल आरएसएस बल्कि महात्मा गांधी और अन्य ने भी इसका विरोध किया है। उन्होंने कहा कि देश में 10 से ज्यादा राज्य ऐसे हैं जिन्होंने धर्मांतरण विरोधी विधेयक पारित किया है।
होसबाले ने कहा, ‘‘हिमाचल प्रदेश में, कांग्रेस सरकार ने एक प्रस्ताव पारित किया था। वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री थे और उन्होंने धर्मांतरण विरोधी विधेयक पारित किया था।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘अरुणाचल प्रदेश में, जब कांग्रेस सरकार थी, उसने ऐसा किया (धर्मांतरण विरोधी विधेयक पारित किया)। उस समय गेगोंग अपांग मुख्यमंत्री थे।’’
आरएसएस के पदाधिकारी ने कहा कि किसी को भी धर्म बदलने की हमेशा आजादी है, ‘‘लेकिन आज जो हो रहा है वह यह नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी ने इस मुद्दे पर राष्ट्रीय बहस का आह्वान किया था।