कुख्यात विकास दुबे के खिलाफ प्रशासन की सख्त कार्रवाई, घर जमींदोज, लग्जरी कारों को भी किया गया कबाड़


लखीमपुर खीरी की एसपी पूनम ने बताया, नेपाल बॉर्डर पर अलर्ट कर दिया गया है। यहां नेपाल से जुड़ी 120 किमी की सीमा है, चार थाने हैं, हर जगह फोटो चस्पा कर दी गई है। वहीं, कानपुर एनकाउंटर केस में एसटीएफ, क्राइम ब्रांच और जिला पुलिस ने 2200 नम्बरों को सर्विलांस पर लिया है। 100 ऐसे लोग चिह्नित किए गए हैं जो उसके करीबी हैं।


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उत्तर प्रदेश Updated On :

कानपुर। चौबेपुर में हुई मुठभेड़ में शहीद पुलिसकर्मियों की शहादत का बदला लेने के लिए कानपुर प्रशासन ने कुख्यात अपराधी विकास दुबे के घर को गिराकर कार्रवाई करना शुरू कर दिया है। शनिवार को प्रशासन की एक टीम ने बिकरू गांव पहुंचकर विकास दुबे के किलेनुमा घर को गिराने का काम शुरु कर दिया है।

पुलिस मकान को जमींदोज करने के साथ ही विकास की लग्जरी कारों जेसीबी से पूरी तरह से डैमेज कर दिया। इसके साथ ही ट्रैक्टर और अन्य वाहनों के साथ मकान की एक चीज को निस्तोनाबूत कर दिया गया। उधर, विकास दुबे के नेपाल भागने की भी आशंका के चलते लखीमपुर खीरी जिले की पुलिस भी अलर्ट पर है। 

लखीमपुर खीरी की एसपी पूनम ने बताया, नेपाल बॉर्डर पर अलर्ट कर दिया गया है। यहां नेपाल से जुड़ी 120 किमी की सीमा है, चार थाने हैं, हर जगह फोटो चस्पा कर दी गई है। वहीं, कानपुर एनकाउंटर केस में एसटीएफ, क्राइम ब्रांच और जिला पुलिस ने 2200 नम्बरों को सर्विलांस पर लिया है। 100 ऐसे लोग चिह्नित किए गए हैं जो उसके करीबी हैं। उनके मोबाइल नम्बरों को लिसनिंग पर लिया गया है। इस आधार पर पुलिस ने 12 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इनसे लगातार पूछताछ जारी है। 

वहीं पूरी घटना में पुलिस के भेदिए के रूप में संदिग्ध माने जा रहे चौबेपुर एसओ विनय तिवारी को आईजी मोहित अग्रवाल ने सस्पेंड कर दिया है। सूत्रों के अनुसार विकास दुबे की कॉल डिटेल में कई पुलिस वालों के नंबर मिले हैं, सभी की पड़ताल जारी है। पता चला है कि मुठभेड़ की रात तक 24 घंटे में इन लोगों से विकास दुबे की कई बार बातचीत हुई।

उधर ये भी पता चला है कि पीड़ित राहुल तिवारी पर जानलेवा हमले की एफआईआर दर्ज करने के बजाए एसओ चौबेपुर विनय तिवारी विकास दुबे के यहां समझौता कराने पहुंचे थे। इस दौरान राहुल तिवारी को पीटने के साथ एसओ विनय तिवारी को भी विकास ने बेइज्जत किया था। यही नहीं बताया जा रहा है कि देर रात विकास दुबे की गिरफ्तारी को दबिश देने गई टीम में एसओ चौबेपुर सबसे पीछे थे। मामले में एसओ चौबेपुर की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि आलाधिकारी इस विषय पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।

मोबाइल कॉल डिटेल का हो रहा इंतजार, चौबेपुर थाने की भूमिका संदिग्ध

जांच में शक के आधार पर चौबेपुर थाने के एक दरोगा, सिपाही और होमगार्ड के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल खंगाली जा रही है। सूत्रों के अनुसार मेाबाइल कॉल रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। उधर ये भी पता चला है कि पीड़ित राहुल तिवारी पर जानलेवा हमले की एफआईआर दर्ज करने के बजाए एसओ चौबेपुर विनय तिवारी विकास दुबे के यहां समझौता कराने पहुंचे थे। इस दौरान राहुल तिवारी को पीटने के साथ एसओ विनय तिवारी को भी विकास ने बेइज्जत किया था। यही नहीं बताया जा रहा है कि देर रात विकास दुबे की गिरफ्तारी को दबिश देने गई टीम में एसओ चौबेपुर सबसे पीछे थे। मामले में एसओ चौबेपुर की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि आलाधिकारी इस विषय पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।



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