गीता प्रेस 11 देशों में खोलेगा आउटलेट


गीता प्रेस गोरखपुर में स्थित है और इसकी स्थापना 1923 में सनातम धर्म के सिद्धांतों को बढ़ावा देने के लिए जय दयाल गायंका और घनश्याम दास जालान ने की थी। इसके संपादक हनुमान प्रसाद पोद्दार थे।



गोरखपुर।हिंदू धार्मिक गं्रथों और किताबों के सबसे बड़े प्रकाशक गीता प्रेस ने 11 देशों में अपने स्टोर खोलने की योजना बनाई है। गीता प्रेस के अंतर्राष्ट्रीय संयोजक जयकिशन शारदा ने यह जानकारी दी। जयकिशन शारदा और उनकी पत्नी सुमित्रा शारदा भारतीय मूल के हैं और कई पीढ़ियों से नेपाल में रह रहे हैं। वह नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर परिसर में बने गीता प्रेस बुक डिपो को 2016 से संभाल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि गत सप्ताह गोरखपुर में गीता प्रेस के शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के भाषण से प्रभावित होकर गीता प्रेस के स्टोर को अन्य देशों में भी खोलने की योजना बनाई गई है।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति ने भी इस दिशों में मदद करने का आश्वासन दिया है। अभी अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, दुबई, हांकांग, इंडोनेशिश, सिंगापुर, घाना, केन्या, थाईलैंड और म्यांमार में स्टोर खोलने के बारे में वहां रहने वाले भारतीय और नेपाली मूल के लोगों से बात हो रही है।

गीता प्रेस गोरखपुर में स्थित है और इसकी स्थापना 1923 में सनातम धर्म के सिद्धांतों को बढ़ावा देने के लिए जय दयाल गायंका और घनश्याम दास जालान ने की थी। इसके संपादक हनुमान प्रसाद पोद्दार थे।

वर्ष 1927 में इसका प्रकाशन शुरू हुआ। इसने अब तक गीता की 41 करोड़ और रामचरित मानस की सात करोड़ प्रतियां प्रकाशित की हैं।