
पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को यहां कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सत्ता में बने रहने के लिए लालू-राबड़ी परिवार के भ्रष्टाचार और मुसलमान – यादव (एम-वाई ) समीकरण के अपराध के आगे घुटने टेक कर समझौता कर लिया है।
मोदी ने सवाल करते हुए कहा कि दलित समाज से आने वाले आइएएस जी कृष्णया की हत्या के मामले में जिसकी सजा को सुप्रीम कोर्ट तक ने बहाल रखा, उसे रिहा करने के लिए कानून से छेड़छाड़ करना क्या कानून का राज है? इस फैसले से सरकार का दलित विरोधी चेहरा सामने आ गया है।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी, ममता बनर्जी और अखिलेश यादव क्या कृष्णया हत्याकांड के दोषसिद्ध अपराधी की इस तरह हुई रिहाई को सही ठहरायेंगे।
भाजपा नेता ने कहा कि राहुल गांधी ने भ्रष्टचार और अपराध के गंभीर मामलों में दंडित लालू प्रसाद जैसे नेताओं को राहत देने वाला विधेयक फाड़ डाला था, लेकिन जब एक दलित अधिकारी की हत्या के मामले में बिहार सरकार कानून को कमजोर कर रही है, तब वे क्यों चुप्पी साध गए।
उन्होंने कहा कि इस मामले में यदि आइएएस एसोसिएशन की बिहार इकाई सरकार के डर से चुप रहती है, तो प्रशासनिक सेवा का इतिहास उसे माफ नहीं करेगा।
दावा करते हुए मोदी ने कहा कि जघन्य अपराध के मामलों में सजायफ्ता जिन 27 बंदियों को छोड़ा जा रहा है, उनमें 13 राजद के एम-वाई वोटबैंक वाले समुदाय से हैं। क्या ऐसे फैसलों से प्रशासन का मनोबल नहीं तोड़ा जा रहा है ?
मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार अपना जनाधार और सुशासन की यूएसपी, दोनों खो चुके हैं।