
वित्त मंत्रालय ने कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप से व्यवसायों को उबरने में मदद करने के लिये भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम सहित मामूली चूकों को गैर-आपराधिक बनाने का प्रस्ताव दिया है।
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने कहा कि बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा जांच से संबंधित कुछ छोटी गलतियों को गैर-आपराधिक बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। इनसे संबंधित तीन विधानों पर 27 जून तक विभिन्न संबंधित पक्षों से टिप्पणियां मंगायी गयी हैं।
ये तीन विधान भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम 1992, प्रतिभूति संविदा विनियमन अधिनियम 1956 और डिपॉजिटरी अधिनियम 1996 हैं।
विभाग ने कहा, “छोटी गलतियों को गैर-आपराधिक बनाने के कदम से अदालत प्रणाली और जेलों की भीड़ कम करने तथा कारोबार सुगमता को बढ़ाने की दिशा में दूरगामी मदद मिलने के अनुमान हैं। यह भारत सरकार के ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विकास’ के उद्देश्य के लिये भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा।”
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था की मदद के लिये 20.97 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की पांचवीं व अंतिम किस्त की घोषणा करते हुए पिछले महीने कहा था कि मामूली तकनीकी और प्रक्रियात्मक चूक से जुड़े उल्लंघन को गैर-आपराधिक बनाया जायेगा।