SSR FIRST DEATH ANNIVERSARY: सुशांत सिंह राजपूत – एक ऐसा सितारा जो हमेशा चमकता रहेगा…


सुशांत सिंह राजपूत ने बिहार के एक गांव से मुंबई तक का सफर तय किया था। बैकग्राउंड डांसर से लेकर टीवी सीरियल और फिर हीरो बनने की उनकी कहानी किसी सपने के जैसे ही लगती है। कम समय में ही वो बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहे लेकिन किसे पता था कि सुशांत इतनी जल्दी दुनिया को अलविदा कह देंगे।  


शिवांगी गुप्ता शिवांगी गुप्ता
मनोरंजन Updated On :

सुशांत सिंह राजपूत ने आज ही के दिन एक साल पहले दुनिया को अलविदा कह दिया था। इस मौके पर उनके करीबियों से लेकर फैंस तक उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। बीते 14 जून को सुशांत का शव उनके अपार्टमेंट में मिला था। जिसके बाद उनके पिता केके सिंह ने दिवंगत अभिनेता की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी और उन पर पैसों के हेर-फेर का आरोप लगाया था। बॉलीवुड में नेपोटिज्म का मुद्दा उठा तो कई सितारे निशाने पर भी आए। पहले इस केस की जांच मुंबई पुलिस और पटना पुलिस कर रही थी। फिर केस सीबीआई को सौंप दिया गया। एक साल बाद भी सुशांत की मौत की गुत्थी सुलझ नहीं सकी है। वहीं इनके फैंस रोज इंसाफ की मांग कर रहे हैं।

सुशांत सिंह राजपूत अपनी मौत के एक वर्ष बीत जाने के बावजूद आज भी बिहार के पूर्णिया जिले के मल्लडीहा गांव की गलियों में जिन्दा है। उनके गांव के लोग इस घटना के एक बर्ष बीत जाने के बाद भी अपने हीरो को भूला नहीं पाए हैं। समूचे गांव के लोगों के ना सिर्फ जुबान पर बल्कि लोगों के दिलों में सुशांत सिंह राजपूत अभी भी राज कर रहे हैं।

मल्लडीहा गांव के लोगों ने एक स्वर में कहा कि याद उसे किया जाता है जिसे लोग भूल जाते हैं। सभी ने कहा कि सुशांत आज भी गांव की गलियों में, यहां की फिजाओं में और यहां के लोगों के दिलों में जिंदा है। हालांकि इस मामले के एक वर्ष बीत जाने के बावजूद मौत से पर्दा नहीं उठने का मलाल अभी भी मल्लडीहा गांव के लोगों को है।

सुशांत ने अपनी स्कूली शिक्षा पटना के सेंट करेन्स हाई स्कूल तथा दिल्ली के कुलाची हंसराज मॉडल स्कूल से ग्रहण की। उनके अनुसार, 2003 में उन्होंने दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में साँतवा स्थान प्राप्त किया था और अभियान्त्रिकी में स्नातक की डिग्री के लिए उन्होंने इसमें दाखिला लिया। वे भौतिकी के राष्ट्रीय ओलिंपियाड के विजेता भी रह चुके थे। उन्होंने भारतीय खनि विद्यापीठ विश्वविद्यालय समेत कुल 11 इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाएं पास की थी। थियेटर और नृत्य में शामिल होने का कारण उनके पास अध्ययन के लिए कम समय बचता, जिससे उनकी पढ़ाई में रुकावटें आईं और उन्होंने विश्वविद्यालय छोड़ दिया। अभिनय में अपना करियर बनाने के लिए उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के चार वर्ष के कोर्स में से सिर्फ तीन वर्ष पूरे कर उसे छोड़ दिया और अपने सपनों को पूरा करने मुंबई आ गए और पहले सीरियल फिर फिल्मों में उन्होंने अपनी पहचान बनाई।

वहीं पहली बरसी के एक दिन पहले उनकी जिंदगी, उनके अनूठे सफर और उनकी तमाम उपलब्धियों को लेकर एक वेबसाइट की शुरुआत की गई है. इस वेबसाइट का नाम www.ImmortalSushant.com.‌ रखा गया है और इसे सुशांत के परिवारवालों की सहमति और सहायता से शुरू किया गया है.

इस वेबसाइट की खासियत है कि इसमें लोगों को न सिर्फ सुशांत की फिल्मी सफर के बारे में विस्तार से जानने को मिलेगा मगर फिल्मों से इतर उनकी तमाम रूचियों, अपने‌ तमाम शौक को पूरा करने के लिए उनकी कोशिशों,‌ सुशांत से जुड़े ट्रेंड्स को जानने और सुशांत की‌ तस्वीरों और इंटरव्यू को देखने का मौका भी मिलेगा.



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