नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के बीच मध्य दिल्ली में एक सुधार गृह से 11 किशोर अपने सुरक्षा प्रभारी और तीन पुलिसकर्मियों को घायल करने के बाद फरार हो गए। दिल्ली सरकार ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनायी है और घटना पर एक रिपोर्ट सौंपने को कहा है ।
पुलिस ने बताया कि सभी की उम्र 16 से 18 वर्ष के बीच है। ये सभी बुधवार शाम दिल्ली गेट के पास एक सुधार गृह से फरार हो गए। किशोर गृह का संचालन गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) प्रयास करता है। संस्था प्रयास के संस्थापक आमोद कंठ ने कहा कि सुधार गृह में केवल 16 साल से कम उम्र के नाबालिगों को रखा जाता है। लेकिन, हाल में यहां कुछ अन्य सुधार गृहों से भी किशोर भेजे गए जिनमें अधिकतर ‘दोषी’ थे। कांत ने कहा, ‘‘जब उन्हें यहां लाया गया था तब हमने मामला उठाया था।’’
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि भागते समय उन्होंने अपने सुरक्षा प्रभारी पर हमला कर दिया और इसके बाद बीच-बचाव में तीन पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।
नाबालिगों ने मुख्य द्वार का ताला तोड़ दिया और फरार हो गए । घटना के बारे में बुधवार को शाम सवा सात बजे पुलिस को बताया गया। अधिकारी ने बताया कि घायलों को निकटवर्ती अस्पताल ले जाया गया और उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गयी।
घटना के तुरंत बाद फरार नाबालिगों के अभिभावकों से संपर्क कर उन्हें घटना के बारे में बताया गया।
महिला एवं बाल कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने सुधार गृह का निरीक्षण किया। मामले की जांच करने और क्या किसी तरह की चूक हुई इसका पता लगाने के लिए उन्होंने विशेष निदेशक की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया। उन्होंने कहा कि 72 घंटे में रिपोर्ट आ जाएगी।
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि ऐसी आशंका है कि सुधार गृह की तरफ से कुछ चूक हुई लेकिन रिपोर्ट आने पर पता चल जाएगा। फरार हुए नाबालिगों में एक कैलाश नगर का निवासी है। वह भाग कर अपने घर पहुंच गया था। पुलिस उसे वापस सुधार गृह ले आयी । बाकी नाबालिगों की तलाश की जा रही है।