ग्लेशियर टूटने से विकराल हुई अलकनंदा सहित कई नदियां, यूपी में भी अलर्ट

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देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में रविवार को हिमखंड के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई विकराल बाढ़ के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि नदी के बहाव में कमी आई है जो राहत की बात है और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हादसे पर दुःख प्रकट किया है। उन्होंने ट्वीट किया कि जोशीमठ, उत्तराखंड के पास ग्लेशियर के फटने हुए विनाश से बहुत चिंतित हूं। लोगों की कुशलता के लिए प्रार्थना करता हूं। विश्वास है कि बचाव और राहत अभियान अच्छी तरह से आगे बढ़ रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने की घटना पर राज्य में हालात बिगड़ने पर दुःख जताया। “उन्होंने ट्वीट किया कि गृह मंत्रालय मंत्रालय लगातार हालात पर नजर रखे है और राहत व बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ वहां मौजूद है।”

गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया “उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की सूचना के सम्बंध में मैंने मुख्यमंत्री @tsrawatbjp जी, DG ITBP व DG NDRF से बात की है। सभी सम्बंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने में युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। NDRF की टीमें बचाव कार्य के लिए निकल गयी हैं। देवभूमि को हर सम्भव मदद दी जाएगी।”

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तराखंड के चमोली में हिमखंड टूटने के कारण अचानक आई बाढ़ की स्थिति पर दुख व्यक्त किया और कहा कि राज्य सरकार सभी पीड़ितों को तुरंत सहायता मुहैया कराये और कांग्रेस कार्यकर्ता भी राहत कार्य में हाथ बटाएं।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘चमोली में ग्लेशियर फटने से बाढ़ त्रासदी बेहद दुखद है। मेरी संवेदनाएँ उत्तराखंड की जनता के साथ हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार सभी पीड़ितों को तुरंत सहायता दे। कांग्रेस साथी भी राहत कार्य में हाथ बटाएँ।’’

रावत ने ट्वीट किया, ‘‘राहत की खबर ये है कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है। नदी का जलस्तर सामान्य से अब एक मीटर ऊपर है लेकिन बहाव कम होता जा रहा है। राज्य के मुख्य सचिव, आपदा सचिव, पुलिस अधिकारी एवं मेरी समस्त टीम आपदा कंट्रोल रूम में स्थिति पर लगातार नज़र रख रही है।’’

नदियों में आई बाढ़ के बाद गढ़वाल क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है और चमोली जिले के निचले इलाकों में खतरा देखते हुए राज्य आपदा प्रतिवादन बल और जिला प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है। ग्लेशियर टूटने की घटना को लेकर गृह मंत्रालय भी हालात पर लगातार नजर रखे हुए है।

नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क से निकलने वाली ऋषिगंगा के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में टूटे हिमखंड से आई बाढ़ के कारण धौलगंगा घाटी और अलकनन्दा घाटी में नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है जिससे श्रृषिगंगा और धौली गंगा के संगम पर स्थित रैणी गांव के समीप स्थित एक निजी कम्पनी की श्रृषिगंगा बिजली परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा है।

सीएम योगी ने अधिकारियों को दिए अलर्ट रहने के निर्देश
उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से उत्पन्न हुई परिस्थितियों के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को उत्तर प्रदेश के संबंधित विभागों और अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए।


सरकारी प्रवक्ता के अनुसार योगी ने कहा कि हर पहलू पर पूरी मुस्तैदी और नज़र रखी जाए। उन्होंने राज्य आपदा मोचन बल को भी मुस्तैद किए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने गंगा नदी के किनारे पड़ने वाले सभी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को भी पूरी तरह सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।

मायावती ने ट्वीट किया कि उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्य उत्तराखण्ड के चमोली जिले में एवलांच अर्थात हिमस्खलन के बाद निचले कई इलाकों में हुई भारी जान-माल की तबाही की खबर अति-दुःखद। केन्द्र इस आपदा से निपटने में राज्य सरकार की हर प्रकार की सहायता तत्काल सुनिश्चित करे।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने की घटना पर दुःख जताया और ट्वीट किया कि उत्तराखंड में आई आपदा में जानमाल के नुकसान पर बुरी तरह से स्तब्ध और बहुत दुखी हूं। पीड़ित के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना। आपदा में घायल लोगों के लिए त्वरित राहत और स्वस्थ होने की कामना।

यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि उत्तराखंड त्रासदी में जो लोग फंसे हुए हैं उनको बचाना व जो लापता हैं उनकी तत्काल खोज करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। उत्तराखंड में हम अपने सभी लोगों से अपील करते हैं कि वो आगे आकर प्रभावित लोगों की और राहत कार्यों में लगे बचाव दल की हर संभव मदद करें।