कृषि कानून से गुस्साये किसानों ने रावण की जगह मोदी-अंबानी-अडानी के पुतले का किया दहन


नाराज किसानों ने दशहरे के मौके पर भटिंडा के खेल स्टेडिय में पीएम मोदी, गौतम अडानी और अनिल अंबानी का 20 फीट का पुतला बनाकर उसका दहन किया। इसके अलावा इनका पुतला प्रदेश व जिले के दूसरे कई शहरों में भी जलाया गया।


मंज़ूर अहमद मंज़ूर अहमद
देश Updated On :

नई दिल्ली। नये कृषि कानून से पंजाब और हरियाणा के किसानों में किस कदर नाराजगी है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि विजय दशमी के दिन जहां देश बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर रावण के पुतले का दहन कर रहा था वहीं इन दो राज्यों के किसानों ने इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रधानमत्री को करीबी माने जाने वाले उद्योगपति गौतम अडानी और उद्योगपति मुकेश अंबानी के पुतले का दहन किया।

अंग्रेजी अखबार दि ट्रिब्यून में प्रकाशित खबर के अनुसार पीएम मोदी, अडानी और अंबानी के पुतले का दहन भारतीय किसान संघ (उग्रहन) के आह्वान पर पूरे प्रदेश में किया गया।

खबर के अनुसार नाराज किसानों ने दशहरे के मौके पर भटिंडा के खेल स्टेडिय में पीएम मोदी, गौतम अडानी और अनिल अंबानी का 20 फीट का पुतला बनाकर उसका दहन किया। इसके अलावा इनका पुतला प्रदेश व जिले के दूसरे कई शहरों में भी जलाया गया।

इस मौके पर हरियाणा, राजस्थान और पंजाब की सीमा पर बने डबवाली में पहली बार तीनों राज्यों के किसानों ने मिलकर मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में भारी संख्या में किसान और किसान नेता शामिल हुए। इस अवसर पर किसानों और उनके समर्थन में उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने नये कृषि कानून को वापस नहीं लेने तक केंद्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रखने संकल्प लिया।

राहुल गांधी ने बताया खतरनाक

पंजाब में पीएम मोदी समेत अडानी और अंबानी के पुतले फूंके जाने की खबर की तस्वीर शेयर करते हुए राहुल गांधी ने ट्वीट किया है।
उन्होंने लिखा है कि “कल पंजाब में जो हुआ यह बहुत ही दुःखद है। यह बड़े दुख की बात है कि प्रधानमंत्री के प्रति पंजाब के लोगों में इस कदर गुस्सा है। यह बहुत ही खतरनाक मिसाल है और देश के लिए अच्छा नहीं है। पीएम मोदी को किसानों से बात करनी चाहिए और उनको तुरंत राहत देनी चाहिए।”

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए नये कृषि कानून का यूं तो पूरे देश में विरोध हो रहा है, लेकिन इसका सबसे अधिक विरोध पंजाब और हरियाणा में देखने को मिल रहा है। वहीं इस नये कृषि कानून को किसी भी स्थिति में वापस नहीं लेने की प्रधानमंत्री मोदी भी इशारा कर चुके हैं।



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