जब तक मैं मुख्यमंत्री हूं, बाहर फंसे बंगाल के लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं : ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोरोना वायरस पर काबू के लिए लागू लॉकडाउन के कारण राज्य से बाहर फंसे लोगों को हरसंभव मदद का सोमवार को आश्वासन दिया और कहा कि उन लोगों तक पहुंचने के लिए किए जा रहे प्रयायों की वह व्यक्तिगत रूप से निगरानी करेंगी।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोरोना वायरस पर काबू के लिए लागू लॉकडाउन के कारण राज्य से बाहर फंसे लोगों को हरसंभव मदद का सोमवार को आश्वासन दिया और कहा कि उन लोगों तक पहुंचने के लिए किए जा रहे प्रयायों की वह व्यक्तिगत रूप से निगरानी करेंगी।

ममता ने ट्विटर पर कहा कि राजस्थान के कोटा शहर में फंसे छात्रों को वापस लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है और वे जल्द ही अपने घर लौटने के लिए यात्रा शुरू करेंगे।

उन्होंने जोर दिया कि जब तक वह मुख्यमंत्री हैं, पश्चिम बंगाल के कहीं भी फंसे लोगों को असहाय महसूस करने की जरूरत नहीं है।

ममता ने ट्वीट किया, ‘‘पश्चिम बंगाल सरकार लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे बंगाल के लोगों को घर लौटने में हरसंभव मदद शुरू करेगी। मैंने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे ज़रूरतमंदों की मदद करें। जब तक मैं यहां हूं, बंगाल के किसी भी निवासी को असहाय महसूस नहीं करना चाहिए। मैं इन कठिन समय में आपके साथ हूं।’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं व्यक्तिगत रूप से इसकी निगरानी कर रही हूं और हम यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे कि सभी को जरूरी मदद मिले। प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है और कोटा में फंसे बंगाल के सभी छात्र जल्द ही अपने घर लौटेंगे।’’

पिछले हफ्ते, मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने कोटा में फंसे लगभग 5,000 छात्रों को वापस लाने में असमथर्तता जतायी थी। उन्होंने कहा था कि इस समय उन्हें ला पाना संभव नहीं है। कोटा इंजीनियरिंग और मेडिकल पाठ्यक्रमों में दाखिला के लिए तैयारी कराने वाले संस्थानों का एक प्रमुख केंद्र है।

सिन्हा ने छात्रों और उनके परिवारों से “कुछ और दिनों के लिए धैर्य रखने” का आग्रह किया था।

उन्होंने कहा था, “हमें 300 बसों की जरूरत होगी और उसे कोटा से पश्चिम बंगाल के रास्ते में तीन रात ठहरने की जरूरत होगी। इतने लोगों को राजस्थान से पश्चिम बंगाल लाना संभव नहीं है।”

First Published on: April 28, 2020 9:51 AM
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