दीपावली की पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और जानिए माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश के पूजन का महत्व

दीपावली का त्योहार हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की पूजा करने का बहुत महत्व है।

दीपावली का त्योहार हिंदू धर्म में सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। जो हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की पूजा करने का बहुत महत्व है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति दिवाली के दिन सच्चे मन से मां लक्ष्मी की पूजा करता है, माता उसके सारे दुख हर लेती हैं।

तो चलिए जानते हैं दीवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश के पूजन का महत्व, पूजा विधि और मुहुर्त :-

देवी लक्ष्मी पूजन का महत्व 

पुराणों के अनुसार देवी लक्ष्मी जी कार्तिक मॉस की अमावस्या के दिन समुन्दर मंथन में से अवतार लेकर प्रकट हुई थीं। इसी के साथ ही इस दिन ही भगवन विष्णु ने अपने पांचवे अवतार यानि वामन अवतार में देवी लक्ष्मी को राजा बालि से मुक्त करवाया था। इसलिए इस खास दिन माता लक्ष्मी स्वयं धरती पर पधार कर प्रत्येक घर में विचरण करती हैं। मान्यता है कि इस दौरान जो घर साफ-सुथरा और प्रकाशवान होता है वहां देवी लक्ष्मी ठहर जाती हैं और उस घर को सुख समृद्धि से भर देती हैं। इसलिए इस दिन सभी घरों में माता लक्ष्मी के स्वागत के लिए लोग अपने अपने घर को दीपों से प्रकाशित कर देते हैं।

देवी लक्ष्मी के साथ गणेश जी के पूजन का महत्व

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार भगवान विष्णु ने माता लक्ष्मी से कहा कि, देवी आप सर्वगुणी होने बाद भी अपूर्ण है, क्योंकि जब तक नारी निसंतान है वो पूर्ण नहीं है। भगवान विष्णु की बात सुन माता लक्ष्मी दुखी हुईं और इसके निवारण के लिए माता पार्वती के पास गईं। माता लक्ष्मी का दुख देख माता पार्वती से रहा नहीं गया और उन्होंने अपने पुत्र गणेश को उन्हें गोद दे दिया। अपने दत्तक पुत्र गणेश को पाकर माता बेहद प्रसन्न हुईं और उसी दिन से उन्होंने कहा कि जो कोई उनके साथ उनके दत्तक पुत्र की पूजा नहीं करेगा उसकी पूजा पूर्ण नहीं मानी जाएगी। इसलिए इस दिन खासतौर पर माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की पूजा का बहुत महत्व है।

लक्ष्मी पूजा की विधि 

पूजा स्थल को साफ करके गंगाजल छिड़क दें। एक चौकी रखें और उस पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित कर दें। माता लक्ष्मी और गणेश जी की प्रतिमा पर तिलक लगाएं और उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं। दीपक जलाकर उन्हें जल, मौली,गुड़, हल्दी, चावल, फल, अबीर-गुलाल आदि अर्पित करें। इसी के साथ ही देवी सरस्वती, मां काली, श्री हरि और कुबेर देव की विधि विधान पूजा करें। पूजा के अंत में माता लक्ष्मी की आरती जरूर करें और उन्हें मिठाई का भोग लगाएं।

पूजा का शुभ मुहूर्त

लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06:09 बजे से शुरू होकर रात 08:04 बजे तक रहेगा यानी इस बार लक्ष्मी पूजन के मुहूर्त की कुल अवधि 01 घण्टा 56 मिनट की है।

First Published on: November 4, 2021 11:41 AM
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