
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी के अंदर का घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। पार्टी की अंदरूनी कलह पर हालांकि शीर्ष नेतृत्व खामोश है, लेकिन पार्टी के कई नेता मुखर होकर कांग्रेस को आमत्मंथन की सलाह दे चुके हैं।
कम से कम पार्टी के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम, गुलाम नवी आज़ाद और कपिल सिब्बल की आलोचनाओं से तो यही लगता है कि कांग्रेस के अंदरखाने में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।
आलम यह है कि पार्टी ही कई खेमों में बंटती नजर आ रही है। कुछ नेता कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की आलोचना कर रहे हैं जबकि कुछ नेता नेतृत्व के प्रति वफादार दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।
पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठाने वालों को परोक्ष रूप से ‘नेत्रहीन’ करार दिया है। उन्होंने कहा है कि पार्टी में नेतृत्व का कोई संकट नहीं है।
खुर्शीद ने कहा कि सोनिया और राहुल गांधी के लिए पार्टी में सहयोग को हर वह शख्स देख सकता है जो नेत्रहीन नहीं है। पार्टी के बाहर विचार रखने से इस मंच को नुकसान पहुंचता है। खुर्शीद ने यह भी कहा कि पार्टी नेतृत्व सभी की बात सुन रहा है ऐसे में उस पर ऐसे आरोप गैरवाजिब हैं।
बिहार चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर सिब्बल और पी. चिदंबरम की टिप्पणियों पर खुर्शीद ने कहा कि उन्होंने जो कहा मैं उससे असहमत नहीं हूं लेकिन पार्टी के बाहर जाकर मीडिया के बीच ऐसी बातें करने का कोई तुक नहीं है। कांग्रेस कार्य समिति में स्थायी रूप से आमंत्रित खुर्शीद ने कहा कि हर बार हार के कारणों की समीक्षा की जाती है।
बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार पर गुलाम नबी आजाद जैसे पार्टी के बड़े नेता ने कहा था कि फाइव स्टार होटलों में बैठकर चुनाव नहीं जीते जाते और जमीन से कांग्रेस कट चुकी है। ऐसे में पार्टी का अंतर्कलह अब खुलकर सामने आ गया है।