नई दिल्ली। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार आंदोलनरत किसानों को लेकर संवेदनशील है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसी भी सूरत में किसानों का अहित नहीं होने देंगे।
‘किसान दिवस’ के अवसर पर किए गए सिलसिलेवार ट्वीट में राजनाथ सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की और किसानों का अभिनंदन करते हुए कहा कि उन्होंने देश को खाद्य सुरक्षा का कवच प्रदान किया है।
चौधरी चरण सिंह चाहते थे कि देश के किसानों की आमदनी बढ़े, उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य मिले और किसानों का मान सम्मान सुरक्षित रहे।
हमारे प्रधानमंत्री श्री @narendramodi उनकी प्रेरणा से ही किसानों के हित में अनेक कदम उठा रहे हैं। किसानों का वे किसी सूरत में अहित नहीं होने देंगे।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) December 23, 2020
भारत में 23 दिसंबर ‘किसान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। दरअसल, इसी दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्म हुआ था, जिन्होंने किसानों के जीवन और स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए कई नीतियों की शुरुआत की थी।
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘कृषि क़ानूनों को लेकर कुछ किसान आंदोलनरत हैं। सरकार उनसे पूरी संवेदनशीलता के साथ बात कर रही है। मैं आशा करता हूँ कि वे जल्द ही अपने आंदोलन को वापिस ले लेंगे।’’
आज किसान दिवस के अवसर मैं देश के सभी अन्नदाताओं का अभिनंदन करता हूँ। उन्होंने देश को खाद्य सुरक्षा का कवच प्रदान किया है।
कृषि क़ानूनों को लेकर कुछ किसान आंदोलनरत हैं। सरकार उनसे पूरी संवेदनशीलता के साथ बात कर रही है। मैं आशा करता हूँ कि वे जल्द ही अपने आंदोलन को वापिस लेगें।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) December 23, 2020
चौधरी चरण सिंह को देश के सबसे सम्मानित किसान नेताओं में अग्रणी बताते हुए रक्षा मंत्री ने कहा वह आजीवन किसानों की समस्याओं को आवाज देते रहे और उनके कल्याण के लिए काम करते रहे।
उन्होंने कहा, ‘‘देश उनके योगदान को हमेशा याद रखेगा। चौधरी चरण सिंह चाहते थे कि देश के किसानों की आमदनी बढ़े, उनको फसलों का लाभकारी मूल्य मिले और किसानों का मान सम्मान सुरक्षित रहे।’’
राजनाथ सिंह ने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसानों के हित में अनेक कदम उठा रहे हैं। किसानों का वे किसी सूरत में अहित नहीं होने देंगे। उल्लेखनीय है कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग को लेकर किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं।
केंद्र सरकार सितंबर में पारित तीन नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।
सरकार ने बार-बार दोहराया है कि एमएसपी और मंडी व्यवस्था कायम रहेगी और उसने विपक्ष पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। अब तक सरकार और किसान संगठनों के बीच हुई वार्ता विफल रही है।