
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम को हुए भयावह रेल हादसे पर शनिवार को नई दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक कर हालात की समीक्षा की। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गई इस उच्चस्तरीय बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कैबिनेट सचिव, केंद्रीय गृह सचिव और एनडीआरएफ के डीजी के अलावा रेलवे बोर्ड मेंबर सहित कई अन्य उच्च अधिकारी भी मौजूद रहे। बैठक में इस भीषण ट्रेन दुर्घटना से जुड़े तथ्यों और इसके बाद के बने हालातों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत कराया गया।
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ही ओडिशा जाकर बालासोर में दुर्घटनास्थल का दौरा करेंगे और फिर इसके बाद घायलों का हालचाल जानने के लिए कटक के अस्पताल भी जाएंगे।
बुरी तरह क्षतिग्रस्त डिब्बों में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
ओडिशा के बालासोर जिले के बहनागा स्टेशन पर हुए विनाशकारी हादसे में शामिल दो एक्सप्रेस ट्रेनों के बुरी तरह से क्षतिग्रस्त दो डिब्बों में बचाव अभियान चल रहा है। हादसे में कम से कम 238 लोगों की मौत हो गई है। राज्य के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने शनिवार को यह बात कही। जेना ने कहा, दो कोचों में बचाव अभियान चल रहा है, इनमें से एक जनरल कोच है। कोच पलट गए हैं और उन्हें भारी नुकसान हुआ है, इससे ऑपरेशन में मुश्किलें आ रही हैं।
रेलवे की तकनीकी टीम ने सुझाव दिया कि क्रेन के माध्यम से डिब्बों को हटाना संभव नहीं है, फंसे हुए यात्रियों को निकालने के लिए बोगियों को काट दिया गया है, उन्होंने कहा कि बचाव अभियान पूरा करने में दो से तीन घंटे लगेंगे।
जेना ने कहा कि घायल यात्रियों की संख्या करीब 900 है, अस्पताल में कोई नया भर्ती नहीं हुआ है। घायल व्यक्ति सोरो, बालासोर, भद्रक और कटक के अस्पतालों में भर्ती हैं।
हताहतों की संख्या पर मुख्य सचिव ने कहा, बालासोर जिला कलेक्टर से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मरने वालों की संख्या 238 है। अंतिम आंकड़ा अगले कुछ घंटों में स्पष्ट होगा। पूरी टीम शव परीक्षण और मृतकों की पहचान करने में लगी हुई है।
उन्होंने बताया कि पोस्टमॉर्टम, शिनाख्त और संबंध स्थापित होने के बाद शव मृतकों के परिजनों को सौंप दिये जायेंगे।
जेना ने कहा, अज्ञात शवों को 72 घंटे तक सुरक्षित रखा जाएगा। अगर कोई शवों पर दावा नहीं करता है, तो हम चिकित्सा प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई करेंगे।
एनडीआरएफ की सात टीमें, 5 ओडीआरएएफ इकाइयां और 24 अग्निशमन सेवाएं और आपातकालीन इकाइयां बचाव कार्यों में लगी हुई हैं।
अधिकारियों ने कहा कि 200 से अधिक एंबुलेंस अस्पतालों में ले जाने में लगी हुई हैं और दवाओं के साथ पैरामेडिकल स्टाफ वाली 100 से अधिक मेडिकल टीमें दुर्घटनास्थल पर हैं।
विभिन्न स्टेशनों पर फंसे यात्रियों के लिए भोजन और पीने के पानी की व्यवस्था की गई है और उनके आवागमन के लिए 30 बसें तैनात की गई हैं। राजस्व मंत्री प्रमिला मल्लिक, स्वास्थ्य मंत्री निरंजन पुजारी, विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) और अन्य वरिष्ठ अधिकारी दुर्घटनास्थल पर हैं।
अस्पतालों के बाहर रक्तदान के लिए लगीं युवाओं की कतारें
ओडिशा के बालासोर जिले में विनाशकारी ट्रेन त्रासदी के घायल पीड़ितों के लिए सैकड़ों स्थानीय युवा अस्पतालों में रक्तदान करने के लिए कतार में खड़े हैं। शुक्रवार शाम को हुई दुर्घटना की खबर फैलते ही युवा रक्तदान करने के लिए बालासोर जिला मुख्यालय अस्पताल और भद्रक में रात भर लाइन में लगे रहे।
नवीनतम जानकारी के अनुसार, बहनागा स्टेशन के पास हुए भीषण ट्रेन हादसे में 260 से अधिक लोगों के मारे जाने और 900 से अधिक के घायल होने की पुष्टि हुई है। दुर्घटना में कोरोमंडल एक्सप्रेस और एसएमवीटी-हावड़ा सुपर फास्ट एक्सप्रेस के 17 डिब्बे पटरी से उतर गए।
कतार में खड़े एक युवक ने कहा, हम (लगभग 25 स्वयंसेवक) स्वेच्छा से रक्तदान करने के लिए यहां बालासोर अस्पताल आए हैं। अगर हमारा खून किसी की जान बचा सकता है, तो इससे बढ़कर कोई और खुशी नहीं हो सकती।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बालासोर अस्पताल का दौरा किया और घायल यात्रियों से बातचीत की। उन्होंने इतने लोगों की जान बचाने के लिए स्थानीय लोगों और प्रशासन को धन्यवाद दिया।
पटनायक ने मीडियाकर्मियों से कहा, मैं बेहद इस ट्रेन दुर्घटना से बहुत दु:खी हूं। मैं स्थानीय लोगों और स्थानीय टीम को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने लोगों को मलबे से बचाने के लिए रात भर काम किया।
ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना ने ऐसे दु:खद समय में रक्तदान के लिए युवा स्वयंसेवकों को धन्यवाद दिया।
जेना एक ट्वीट में कहा, यहां बालासोर में रात भर में 500 यूनिट रक्त एकत्र किया गया। वर्तमान में 900 यूनिट स्टॉक में है। इससे दुर्घटना पीड़ितों के इलाज में मदद मिलेगी। मैं उन सभी स्वयंसेवकों का व्यक्तिगत रूप से ऋणी और आभारी हूं, जिन्होंने एक नेक काम के लिए रक्तदान किया है।
दुर्घटना में मरने वालों की संख्या को लेकर सीएम ममता व रेल मंत्री में तकरार
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के बीच शनिवार को ओडिशा के बालासोर जिले में ट्रेन दुर्घटना स्थल पर कहासुनी हो गई। सीएम ममता बनर्जी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्हें जानकारी मिली है, ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या 500 से अधिक हो सकती है।
सीएम ममता के इस बयान पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव तुरंत हस्तक्षेप करते हुए कहा, ओडिशा सरकार के आंकड़ों के अनुसार मरने वालों की संख्या 238 है।
इसके बाद सीएम ममता ने रेल मंत्री के जवाब का जवाब देते हुए दावा किया, शुक्रवार रात तक मरने वालों का आंकड़ा 238 था। उन्होंने कहा कि तीन डिब्बों में बचाव कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है, इसलिए मरने वालों की संख्या और बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि एक्सप्रेस ट्रेनों में टक्कर रोधी सिस्टम फिट नहीं किया गया था, इसके कारण यह हादसा हुआ। ममता ने हादसे की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
लेटेस्ट आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, ट्रेन त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 261 हो गई है, जबकि 900 से अधिक घायल हुए हैं।
घायल यात्रियों को गोपालपुर, खंटापारा, बालासोर, भद्रक, सोरो और कटक एससीबी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
सोनिया गांधी ने ओडिशा ट्रेन हादसे में यात्रियों की मौत पर शोक जताया
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे में कई यात्रियों की मौत पर शनिवार को शोक व्यक्त किया और शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष ने एक बयान में कहा, ओडिशा में भयानक ट्रेन दुर्घटना से मुझे सबसे ज्यादा पीड़ा हुई है। मैं सभी शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी सहानुभूति और संवेदना व्यक्त करती हूं।
ओडिशा के बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार शाम एक ट्रेन दुर्घटना में 261 लोगों की मौत हो गई थी। 900 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं और कई अस्पतालों में भर्ती हैं।
इस बीच, कांग्रेस महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकसभा नेता अधीर रंजन चौधरी और एआईसीसी प्रभारी ए. चेल्ला कुमार को स्थिति का जायजा लेने और कांग्रेस कार्यकर्ताओं और फ्रंटल संगठनों द्वारा किए जा रहे राहत प्रयासों की निगरानी के लिए तुरंत ओडिशा में दुर्घटनास्थल का दौरा करने के लिए नियुक्त किया है।
इससे पहले एआईसीसी प्रभारी-प्रशासन और कांग्रेस अध्यक्ष कार्यालय के समन्वयक गुरदीप सिंह सप्पल ने ट्वीट किया, ऐसे मामलों में इस्तीफे की उम्मीद न केवल नैतिक आधार पर की जाती है। इस्तीफा यह सुनिश्चित करने का भी एक साधन है कि सत्ता में बैठे और दुर्घटना के लिए जवाबदेह लोग इस तरह की ‘उच्च स्तरीय जांच’ को प्रभावित न करें। यही कारण है कि स्थापित परंपरा रही है कि चेन ऑफ कमांड के सभी अधिकारियों को निलंबित कर दिया जाता है और मंत्री इस्तीफा दे देते हैं।
कर्नाटक के मंत्री संतोष लाड ओडिशा रवाना
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने श्रम मंत्री संतोष लाड के नेतृत्व में शनिवार को एक टीम को ओडिशा के रवाना किया। टीम वहां ट्रेन हादसे के बाद जारी राहत एवं बचाव कार्य में राज्य के लोगों की सहायता के लिए स्थानीय तथा रेलवे प्रशासन के साथ समन्वय करेगी। मुख्यमंत्री ने इससे पहले इस बारे में राज्य के मुख्य सचिव और संबंधित अधिकारियों से बात की और उन्हें दुर्घटना स्थल पर जाकर कर्नाटक के लोगों को सभी जरूरी मदद उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
इस टीम में लाड के अलावा आपदा प्रबंधन विभाग के आयुक्त मनोज रंजन और अन्य अधिकारी हैं। सरकार के प्रवक्ता टी. अनिल कुमार आज सुबह की बालासोर के लिए रवाना हो चुके हैं।
ओडिशा ट्रेन हादसे पर तमिलनाडु में एक दिन का राजकीय शोक घोषित
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने शनिवार को ओडिशा के बालासोर जिले में हुए विनाशकारी ट्रेन हादसे में मारे गए लोगों के लिए एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की। स्टालिन ने यह भी घोषणा की कि दिवंगत मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के राज्य सरकार के सभी कार्यक्रम और शताब्दी समारोह, जो शनिवार को होने वाले थे, रद्द रहेंगे।
एझिलागाम में राज्य आपातकालीन केंद्र में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु सरकार चल रहे बचाव कार्यों में ओडिशा के साथ मिलकर काम कर रही है।
स्टालिन ने बचाव अभियान में शामिल होने के लिए पहले ही तीन मंत्रियों – उदयनिधि स्टालिन, अनबिल महेश पोय्यामोझी और एस.एस. शिवशंकरन को ओडिशा भेज दिया है। मंत्रियों के साथ तीन आईएएस अधिकारी भी जा रहे हैं।
फंसे हुए यात्रियों को लेकर विशेष ट्रेन चेन्नई के लिए रवाना
ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार शाम हुई ट्रेन दुर्घटना के बाद फंसे 250 यात्रियों को लेकर एक विशेष ट्रेन शनिवार सुबह भद्रक से चेन्नई के लिए रवाना हुई और रविवार को चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पहुंचेगी। इसके अलावा, दक्षिण रेलवे पीड़ितों के परिवार को दुर्घटना स्थल तक पहुंचाने के लिए चेन्नई से एक विशेष ट्रेन चलाएगा। ट्रेन चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन से शाम 7.20 बजे ओडिशा के भद्रोक के लिए रवाना होगी।
दक्षिण रेलवे ने उन लोगों से, जिनके रिश्तेदार या दोस्त दुर्भाग्यपूर्ण ट्रेन में शामिल हैं, विशेष ट्रेन से ओडिशा जाने का अनुरोध किया है
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने मीडियाकर्मियों से कहा कि राज्य सरकार बचाव और अन्य अभियानों को लेकर ओडिशा सरकार के साथ लगातार संपर्क में है।
हालांकि अब तक इस हादसे में तमिलनाडु के किसी व्यक्ति के मरने की कोई सूचना नहीं मिली है, राज्य सरकार ने मृतकों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। दुर्घटना में घायल होने वालों के लिए एक-एक लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।