मानव-पशुओं के बीच बढ़ रहा संघर्ष गंभीर विषय, रोकने को किए जा रहे प्रयास : जावड़ेकर

नई दिल्ली। मानव व पशुओं के बीच संघर्ष को गंभीर मुद्दा बताते हुए सरकार ने सोमवार को कहा कि ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं जिनको रोकने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सभा में वन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पशुओं को वन क्षेत्र में ही चारा तथा पानी उपलब्ध कराने सहित कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं जिनमें जनभागीदारी भी शामिल है।

कहा कि पिछले साल अलग अलग घटनाओं में 100 हाथी मारे गए लेकिन मानव के साथ हुए उनके संघर्ष में करीब 500 व्यक्तियों की भी जान गई। एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में जावड़ेकर ने बताया कोशिश की जा रही है कि पशु वन क्षेत्र से बाहर न आने पाएं और उन्हें उनका आहार तथा पानी वहीं मिल जाए।

कहा कि इसके लिए क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन और योजना प्राधिकरण यानि (CAMPA) कोष की ओर से 47 हजार करोड़ रुपये राज्यों को वितरित किए गए हैं ताकि पशुओं को चारा और पानी वन में ही मुहैया हो सके। उन्होंने बताया ‘‘इसके अलावा लोगों को जागरुक बनाने के लिए भी कार्य किया जा रहा है। यह कार्य एक जनभागीदारी आंदोलन के तहत किया जा रहा है।’’

ऐसी घटनाओं में मारे गए लोगों को मुआवजे के बारे में पूछे गए पूरक प्रश्न के उत्तर में जावड़ेकर ने कहा, कई राज्य सरकारों ने मुआवजे के लिए अलग अलग नीतियां बनाई हैं और उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा तय राशि से अधिक मुआवजा भी दिया है।

एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में जावड़ेकर ने बताया भारत में रेड पांडा के संरक्षण के लिए कोई आर्थिक समस्या नहीं है। इस प्राणी के संरक्षण के लिए पूरी कार्ययोजना बनाई जाएगी। भारतीय पेंगोलिन के शिकार को गंभीर मुद्दा बताते हुए जावड़ेकर ने कहा कि इस समस्या के हल के लिए समुचित उपाय किए जाएंगे।

First Published on: February 8, 2021 4:39 PM
Exit mobile version