आईसीएमआर का बयान : वैक्सीन ने कोरोना खतरा और गंभीरता दोनों को किया कम, जोखिम पहले से बीमार लोगों तक सिमटा


टीकाकरण से कोरोना का जोखिम पहले से बीमार लोगों तक सिमट गया है। टीकाकरण ने कोरोना का खतरा और गंभीरता दोनों को कम किया है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने पाया कि पहले से स्वस्थ्य व्यक्ति संक्रमण की चपेट में आने के बाद कुछ दिन में ठीक भी हो रहे हैं…


बबली कुमारी बबली कुमारी
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टीकाकरण से कोरोना का जोखिम पहले से बीमार लोगों तक सिमट गया है। टीकाकरण ने कोरोना का खतरा और गंभीरता दोनों को कम किया है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने पाया कि पहले से स्वस्थ्य व्यक्ति संक्रमण की चपेट में आने के बाद कुछ दिन में ठीक भी हो रहे हैं। हालांकि पहले से बीमार अधिक उम्र के रोगियों में जोखिम बना हुआ, इन्हें बहुत अधिक सतर्कता के साथ रहना है।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने बृहस्पतिवार को बताया कि पिछले साल देश में घर बैठे कोविड जांच करने वाली किट्स को अनुमति दी गई थी। इस लहर के आने से पहले तक देश में करीब तीन हजार लोगों ने इन किट्स के जरिए अपने घरों में ही कोविड की जांच की गई लेकिन बीते दिसंबर माह में संक्रमण के मामले बढ़ने से लेकर अब तक दो लाख से भी अधिक लोगों ने बीते 28 दिन में घर में रहकर कोरोना की जांच की है।

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि देश में काफी तेजी से तीसरी लहर आगे बढ़ रही है। इसमें मृत्युदर काफी कम हुई है, लेकिन अति जोखिम वाले वर्ग के लिए अभी भी संक्रमण खतरा बना हुआ है। जिन लोगों को पहले से बीमारियां हैं उन्हें काफी सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

अभी तक यह पता चला है कि टीकाकरण के जरिए कोरोना की इस लहर को काफी हद तक हल्का रखने में कामयाबी मिली है लेकिन जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है उनमें संक्रमण का जोखिम है। इसलिए लोगों से अपील की जा रही है कि वे आगे आकर अपना टीकाकरण पूरा कराएं।

पिछली लहर की तुलना में असर कम
पिछले साल कोरोना की दूसरी लहर में.. 30 अप्रैल 2021 को देश में 3.86 लाख संक्रमित मिले थे। 3059 लोगों की मौत साप्ताहिक हो रही थीं। सक्रिय मरीजों की संख्या भी देश में 31.70 लाख से अधिक थी। वर्तमान लहर में…20 जनवरी 2022 को देश में 3.17 लाख लोग संक्रमित मिले हैं लेकिन साप्ताहिक मृत्यु 380 दर्ज की गई हैं। वहीं सक्रिय मरीजों की संख्या 19.24 लाख है जोकि पिछली लहर की तुलना में कम है।

तब सिर्फ 2%, इस बार 72% आबादी का टीकाकरण पूरा
पिछले साल दूसरी लहर के दौरान देश की दो फीसदी आबादी को दोनों खुराक मिली थी। इस बार की लहर में 72 फीसदी आबादी का टीकाकरण पूरा हो चुका है। यह भी एक वजह है कि संक्रमण का जोखिम कम करने में कामयाबी मिली है। – राजेश भूषण, स्वास्थ्य सचिव

पांच दिन में ठीक हो रहे संक्रमित वयस्क
दिल्ली के अस्पतालों में अब मरीजों की भर्ती कम हो रही है। जिन वयस्क लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो रही है, उनमें औसतन पांच दिन बाद रिकवरी भी हो रही हैं। बृहस्पतिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का उदाहरण देते हुए बताया कि देश में कोरोना की इस नई लहर का असर टीकाकरण के जरिए काफी हद तक कम करने में कामयाबी मिली है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि दिल्ली में 99 फीसदी कोरोना संक्रमित मरीजों में बुखार, कफ और गले में दर्द जैसे लक्षण मिल रहे हैं। अधिकतर रोगी अपने घरों में रहकर औसतन पांचवें दिन ठीक हो रहे हैं। 11 से 18 वर्ष तक की आयु के संक्रमित रोगियों में बुखार सबसे अधिक देखने को मिल रहा है। साथ ही इस आयु वर्ग में कोरोना का वायरस ऊपरी श्वसन तंत्र से नीचे नहीं आ रहा है।

10 दिन में मिले ऐसे हालात
इस साल 9 से 19 जनवरी के बीच दिल्ली में रोजाना हजारों संक्रमित मिले हैं। सक्रिय रोगियों की संख्या भी 90 हजार तक पहुंची। अस्पतालों में भर्ती होने वाले दैनिक मरीजों की संख्या 1618 से बढ़कर 2624 तक पहुंची है। जबकि इसी अवधि में दैनिक संक्रमित रोगियों की संख्या 22751 से कम होकर 13785 तक दर्ज की गई है। वहीं सक्रिय मरीजों की संख्या 60733 से बढ़कर 75282 तक पहुंची है।

पिछली लहरों से बेहतर है दिल्ली
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि दिल्ली में अब तक कोरोना की चार लहर देखी जा चुकी हैं। पांचवीं लहर का सामना वर्तमान में किया जा रहा है। इन सभी लहर की आपस में तुलना करते हैं तो यह पता चलता है कि पिछली लहरों की तुलना में अब अस्पतालों में भर्ती होने वाले रोगियों की दर कम है।

दूसरी लहर के बाद पहली बार एक दिन में तीन लाख से ज्यादा संक्रमित
दूसरी लहर के बाद पहली बार देश में तीन लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमित मिले हैं। बृहस्पतिवार को मिले 3,17,532 संक्रमित 234 दिन में सबसे अधिक हैं। इससे पहले 15 मई, 2021 को 3.10 लाख रोगी मिले थे। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि संक्रमण की मौजूदा लहर देश के अधिकांश जिलों में पहुंच गई है। 515 जिलों में संक्रमण दर पांच फीसदी से अधिक है, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार नियंत्रित स्थिति नहीं है। बीते सप्ताह तक ऐसे जिले 335 थे।

दस राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, दिल्ली व राजस्थान में सबसे अधिक सक्रिय मरीज उपचाराधीन हैं। 11 राज्यों में 50 हजार से ज्यादा सक्रिय मामले हैं, वहीं 13 राज्यों में 10-50 हजार के बीच सक्रिय मामले हैं।

इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय ने माना है, जांच बढ़ने के साथ संक्रमण दर भी बढ़ रही है। भूषण ने बताया, चार दिन में कोविड टेस्ट लगातार बढ़ाए हैं। बीते 24 घंटे में करीब 19 लाख जांचें हुईं। महाराष्ट्र में साप्ताहिक संक्रमण दर दो से बढ़कर 22 फीसदी हो गई। कर्नाटक में दर 4 सप्ताह पहले 0.5% थी, अब 15% हो गई है।

महाराष्ट्र में 24 से खुल जाएंगे स्कूल
मुंबई। कोरोना की तीसरी लहर के बीच महाराष्ट्र में 24 जनवरी से कक्षा 1 से 12 के स्कूल खुल जाएंगे। शिक्षामंत्री वर्षा गायकवाड़ ने बताया, कोरोना सावधानियों के साथ प्री-प्राइमरी स्कूल भी खोलने का निर्णय किया है।

टीकाकरण ने देश में जोखिम कम किया है। दूसरी की तुलना में तीसरी लहर में सक्रिय मामलों में होने वाली मृत्यु बहुत घट गई है। दूसरी लहर में वैक्सीनेटेड आबादी दो फीसदी थी, अब तीसरी लहर के दौरान यह आबादी 72 फीसदी है।