नई दिल्ली। भारतीय सेना ने सोमवार को एक बयान में कहा है कि उत्तरी सिक्किम के नकुला इलाके में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 20 जवनरी को ‘हल्की झड़प ‘ हुई है। भारतीय सेना का कहना है कि इस मामलों को स्थानीय सैन्य कमांडरों द्वारा सुलझा लिया गया था। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार इस झड़प में दोनों ओर के कुछ जवान घायल भी हुए हैं।
भारत और चीन के बीच यह नया विवाद तब पैदा हुआ है जब पूर्वी लद्दाख में भारत की जमीन से चीनी कब्जे को खत्म कराने के लिए दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच बातचीत लगातार जारी है। इस विवाद के कारण भारत-चीन के बीच गत आठ महीने से कड़वाहट जारी है और दोनों देशों के सेनाएं आमने-सामने खड़ी हैं।
इससे पहले नवंबर में आयोजित अंतिम कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता में, दोनों पक्ष यह सुनिश्चित करने के लिए सहमत हुए थे कि उनके सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर पैदा हुई किसी भी गलतफहमी पर संयम बरतेगें, लेकिन पूर्वी लद्दाख के बाद चीनी कब्जे वाले अरूणांचल प्रदेश के एक क्षेत्र में चीनी गांव बसाने की खबरें और फिर अब आ रही झड़प की खबर यह दर्शाता है कि दोनों देशों के रिश्तें में कोई सुधार नहीं हुआ है।
भारत और चीन के बीच संबंध जून-2019 में पूर्वी लद्दाख में झड़पों के बाद सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। इस झड़प में 20 भारतीय सैनिक मारे गए और अगल-अलग स्रोतों से मिली खबरों के अनुसारक इस 40 से अधिक चीनी सैनिक भी हताहत हुए थे। हांलांकि इस संबंध में चीनी की तरफ से कोई अधिकारिक बयान नहीं आया था।
वहीं रक्षा मंत्रालय ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा हैं कि वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC पर एक से अधिक क्षेत्रों में बल द्वारा यथास्थिति को बदलने के लिए चीनी सेना द्वारा “एकतरफा और उत्तेजक” प्रया, किया जिसका भारतीय जवानों ने “दृढ़ता” और “गैर-हिंसात्मक तरीके” से जवाब दिया।
रक्षा मंत्रालय की एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारतीय सेना चीनी सेना द्वारा किसी भी “दुस्साहस” का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
भारत-चीन सेनाओं के आमने-सामने खड़े होने के बाद से भारतीय सेनाधिकारी इस क्षेत्र का लगातार दौरा कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। पिछले महीने ही थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नारवने ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तट के कुछ स्थानों सहित पूर्वी लद्दाख में विभिन्न उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों का दौरा किया और भारत की सैन्य तैयारियों की समीक्षा की।
बता दें कि चीन की किसी भी हिमाकत का जवाब देने के लिए भारतीय सेना की लगभग 50,000 टुकड़ियां पूर्वी लद्दाख के विभिन्न पर्वतीय स्थानों तैनात भी कर रखा है।
चीन की हरकतों और केंद्र सरकार के रूख के प्रति प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने चिंता जताई। इस संबंध में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि चीन के बाद विश्व राजनीतिक अपने अनुसार आकार देने के लिए एक योजना है जबकि भारत के बाद नहीं है। भारत के खिलाफ चीन की हरकत पर राहुल गांधी ने कहा था चीन भारत को आजमा रहा है कि वह हमरी हरकत पर कितना और कैसा रियेक्ट करता है।
अब परमाणु सम्पन्न दोनों देशों के सेनाओं के बीच झड़प की आ रही खबरें काफीं चिंता पैदा करने वाली हैं।