‘जॉनसन एंड जॉनसन’ के एक खुराक वाले टीके को आपात इस्तेमाल के लिए मिली मंजूरी

भारत में जॉनसन एंड जॉनसन के एक खुराक वाले कोविड-19 रोधी टीके को आपात इस्तेमाल के लिये मंजूरी दे दी गई है।

नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शनिवार को कहा कि भारत में जॉनसन एंड जॉनसन के एक खुराक वाले कोविड-19 रोधी टीके को आपात इस्तेमाल के लिये मंजूरी दे दी गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इससे संक्रमण से निपटने में देश के समग्र प्रयासों को और मजबूती मिलेगी।

मांडविया ने ट्वीट किया, ‘‘भारत ने टीके की अपनी टोकरी (बास्केट) को और बड़ा किया। भारत में जॉनसन एंड जॉनसन के एक खुराक वाले कोविड-19 रोधी टीके को आपात इस्तेमाल के लिये मंजूरी मिली। अब भारत के पास आपात इस्तेमाल के लिए पांच टीके हैं। इससे संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में देश के समग्र प्रयासों को और मजबूती मिलेगी।’’

जॉनसन एंड जॉनसन इंडिया ने एक बयान में कहा कि महामारी को समाप्त करने में मदद के वास्ते उसके टीके की उपलब्धता को बढ़ाने की दिशा में एक यह महत्वपूर्ण कदम है।

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमें यह घोषणा करने हुए प्रसन्नता हो रही है कि सात अगस्त 2021 को भारत सरकार ने 18 वर्ष और इससे अधिक आयु के लोगों को कोविड-19 से बचाने के लिए भारत में जॉनसन एंड जॉनसन के एक खुराक वाले कोविड-19 रोधी टीके के लिए आपात इस्तेमाल अधिकार (ईयूए) जारी कर दिए।’’

भारत में जिन पांच टीकों को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली है, वे हैं-सीरम इंस्टीट्यूट का कोविशील्ड, भारत बायोटेक का कोवैक्सीन, रूस का स्पूतनिक वी और मॉडर्ना का टीका और अब जॉनसन एंड जॉनसन का टीका।

जॉनसन एंड जॉनसन ने इससे पहले अपने टीके का 18 वर्ष और 60 वर्ष से कम तथा 60 वर्ष और इससे अधिक आयु के लोगों के दो समूह में कम से कम 600 लोगों पर तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण करने की मंजूरी मांगी थी, ताकि इनके सुरक्षित होने, रिएक्शन होने आदि के बारे में पता लगाया जा सके लेकिन कंपनी ने 29 जुलाई को अपना प्रस्ताव वापस ले लिया था।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने हाल में संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि जॉनसन एंड जॉनसन ने अपने टीके के तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण के लिए अर्जी दी थी।

अधिकारी ने कहा, ‘‘आवेदन क्लीनिकल परीक्षण करने के लिए दिया गया था और जब हमने ढील देने वाले दिशानिर्देश जारी किए, जिसमें हमने कहा था कि अगर आपके पास अन्य देशों के नियामक निकायों की मंजूरी हो, तो क्लीनिकल परीक्षणों से छूट मिल सकती है और आपात इस्तेमाल अधिकार भी दिए जा सकते हैं और परीक्षण बाद में शुरू किए जा सकते हैं तो उन्हें इसकी जरूरत नहीं है। इसके बाद उन्होंने वह आवेदन वापस ले लिया।’’

First Published on: August 7, 2021 5:20 PM
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